Wrestlers Protest:पहलवानों के आंदोलन पर बड़ी चोट, साक्षी मलिक प्रदर्शन से हटीं, नौकरी पर वापस लौटीं – Wrestlers Protest: Big Blow To Wrestlers Movement, Sakshi Malik, Vinesh Phogat Bajrang Punia Withdraws Protest
साक्षी मलिक
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारतीय कुश्ती संघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के आंदोलन पर बड़ी चोट लगी है। सूत्रों के अनुसार, 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक प्रदर्शन से हट गई हैं। वह रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गई हैं। शनिवार रात को साक्षी, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। जानकारी के मुताबिक, साक्षी का फैसला उसी के बाद आया है।
बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन से साक्षी का पीछे हटना इस आंदोलन के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2021 टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट भी आंदोलन से हट सकते हैं और अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। इन तीनों पहलवानों के ही नेतृत्व में बृजभूषण का विरोध किया जा रहा था। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
इस आरोप को लेकर पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश सबसे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद खेल मंत्रालय से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने धरना समाप्त कर दिया था। कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए पहलवान 23 अप्रैल को दोबारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे। पहलवान और बृजभूषण दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर चालू रहा। जहां एक तरफ बृजभूषण ने कहा कि आरोप साबित होने पर वह खुद को फांसी लगा लेंगे, तो वहीं पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
28 मई को पुलिस ने टेंट हटाया
28 मई को पहलवानों के नए संसद भवन की तरफ कूच करने पर दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। हालांकि, बाद में पहलवानों को छोड़ भी दिया गया था। इतना ही नहीं दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने-प्रदर्शन को भी बंद करा दिया गया था और उनके टेंट हटा दिए गए थे।
इसके बाद 30 मई को पहलवान हरिद्वार पहुंचे थे और ओलंपिक समेत कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीते पदकों को गंगा में बहाने का फैसला लिया था। हालांकि, किसान नेता नरेश टिकैत की मांग पर पहलवानों ने गंगा में पदक बहाने के फैसले को टाल दिया दिया था।
पहलवानों को 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का मिला था समर्थन
इसके बाद भारत के पदकवीरों को 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के खिलाड़ियों का समर्थन मिला था। इनमें कपिल देव, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और मदनलाल समेत कई दिग्गज क्रिकेटर्स शामिल हैं। इन सब ने एक साझा बयान जारी किया था और पहलवानों से मेडल को गंगा में न बहाने की अपील की थी। बयान में इन पूर्व दिग्गज क्रिकेटर्स ने कहा था कि पहलवानों के साथ जो हुआ वह दुखद है, लेकिन वह मेहनत से हासिल किए गए पदकों को गंगा में न बहाएं। 1983 की चैंपियन टीम ने कहा कि पहलवानों ने देश का मान बढ़ाया है। वह जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। उम्मीद है कि पहलवानों की मांग सुनी जाएगी।
शनिवार को अमित शाह से मिले
इसके बाद शनिवार रात को साक्षी, बजरंग और विनेश ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान पहलवानों ने गृह मंत्री से बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की थी। इसके बाद गृह मंत्री ने पहलवानों से बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया था। अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से यह भी पूछा था कि क्या पुलिस को अपने काम करने का समय नहीं देना चाहिए?