Wrestlers Protest:पहलवानों का ऐलान; जारी रहेगा जंतर-मंतर पर धरना, न्याय नहीं मिला तो लौटाएंगे पदक – Wrestlers Says Protest Will Continue At Jantar Mantar Will Return Medals If Justice Is Not Given
जंतर-मंतर में धरने पर बैठे पहलवान
– फोटो : सोशल मीडिया
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धरने पर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने लिए झटका नहीं बताया है। पहलवानों ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि उनका धरना जारी रहेगा। उनकी मांग अभी भी वही है कि जब तक भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है तब तक वे जंतर-मंतर पर धरना देते रहेंगे। अगर उन्हें कहीं से न्याय नहीं मिला तो वे अपने ओलंपिक, एशियाई खेलों के पदक और पुरस्कार सरकार को वापस लौटा देंगे। पहलवानों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति वे अपने वरिष्ठजनों से राय के बाद तय करेंगे।
हमारे सामने सभी विकल्प खुले: विनेश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही पहलवानों की ओर से दायर याचिका की सुनवाई बंद करने का फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे पूरा किया जा चुका है। अब इस मामले में आगे सुनवाई नहीं बनती है। साक्षी मलिक ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करती हैं। अदालत ने वही किया जो इस मामले में किया जा सकता था। विनेश फोगाट ने कहा कि उनके सामने सभी विकल्प खुले हैं। हम वरिष्ठजनों से राय ले रहे हैं कि हमें निचली अदालत जाना चाहिए या फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। दिल्ली पुलिस इसके बाद भी ढिलाई दिखाती है तो उनके पास हाईकोर्ट के बाद वापस सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है।
पदक लौटाने की समय सीमा नहीं की निर्धारित
इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से बुधवार की देर रात झड़प के बाद पहलवानों ने यहां तक कह दिया कि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने पदकों और पुरस्कारों को भी लौटा देंगे। इन पुरस्कारों में बजरंग, साक्षी मलिक को मिला देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री भी शामिल है। बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश तीनों को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न मिल चुका है।
विनेश और बजरंग को अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है। पहलवानों ने कहा कि इन सम्मानों और पदकों का कोई मतलब नहीं है अगर उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है। इससे अच्छा यही है कि इन्हें सरकार को लौटाकर हम आम जिंदगी जिएं। पहलवान पदक लौटाने की बात पर बोले जो उन्होंने कहा है उसे वे पूरा करेंगे। इसके लिए उन्होंने समय सीमा निर्धारित नहीं की है।
धरना स्थल पर आने से रोकी गईं गीता
पहलवानों ने यह भी आरोप लगाया कि रात में पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद पुलिस उनका जेनरेटर उठाकर ले गई। जिससे धरना स्थल पर न तो पंखे चलाए जा सके और न ही संबोधन के लिए माइक का प्रयोग किया जा सका। वहीं विनेश की चचेरी बहन गीता फोगाट पहलवानों को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर आ रही थीं, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। गीता फोगाट ने बताया कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है।