Wrestlers Protest:नीरज चोपड़ा से लेकर सानिया मिर्जा और सहवाग तक, पहलवानों के प्रदर्शन पर क्या बोले दिग्गज – Neeraj Chopra To Nikhat Zareen And Sania Mirza Reaction On Wrestlers Protest Against Brijbhushan Singh
मुक्केबाज निकहत जरीन ने ट्वीट किया “अपने ओलंपिक और विश्व पदक विजेताओं को इस हालत में देखना दिल दुखाने वाला है। खिलाड़ी गौरव और ख्याति लाकर देश की सेवा करते हैं। मैं पूरी उम्मीद और प्रार्थना करती हूं कि कानून अपना काम करे और पहलवानों को जल्द से जल्द न्याय मिले। जय हिन्द।”
टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने लिखा “एक एथलीट और एक महिला के रूप में यह देखना बहुत मुश्किल है.. उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया है और हम सभी ने उस पर उनके साथ जश्न मनाया है, .. यदि आपने ऐसा किया है तो अब समय आ गया है कि इसमें उनके साथ मुश्किल समय में भी खड़े हों.. यह बेहद संवेदनशील मामला है और गंभीर आरोप हैं।”
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लिखा “बहुत दुःख की बात है की हमारे चैंपियंस, जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है , झंडा लहराया है , हम सबको इतनी खुशियां दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है। बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।”
एथलीट नीरज चोपड़ा ने लिखा कि पहलवान इतनी मेहनत करते हैं और उनको इस हालत में देखना दुखी है। उन्होंने इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की और लिखा कि जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।
पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कहा कि नौ नामी पहलवानों की शिकायत के बावजूद एफआईआर नहीं होना हैरान करने वाला है। कोई भी देश जो अपने आइकन का अपमान करता है, वह अपने ही गौरव को ठेस पहुंचाता है, इन महिला खिलाड़ियों ने ना सिर्फ देश का नाम रोशन किया है बल्कि लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पंख दिए है, ऐसे में उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाना भारत के गौरव को चोट पहुंचा रहा है। क्या हमारे देश के बड़े लोग अब कानून से भी ऊपर हैं? कानून को एक निवारक स्थापित करना चाहिए कि पीढ़ियों को महिलाओं का अपमान करने से पहले कांपना चाहिए, एक अच्छा उदाहरण सबसे अच्छा उपदेश है जो आप दे सकते हैं। सोमवार को उनसे मिलने जाऊंगा और उनके सत्याग्रह में शामिल होऊंगा…
अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने कहा “इन्हें आज न्याय नहीं मिला तो देर हो जाएगी, मेडल जीतने पर इनके साथ फोटो खिंचवाने वाले आज कहां हैं? गृह मंत्री व खेल मंत्री से निवेदन है कि इनकी बात सुनें। मैं इस देश की बेटी और आप और मेरे घर में बैठे हर बेटी और बहन की तरफ से बात कर रही हूं। हमारे देश की वह बेटियां जिन्होंने इस देश को मान सम्मान, कई मेडल दिलवाए हैं। वह बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी हुई हैं। ऐसे देश में जहां पर महिलाओं को देवियों का दर्जा दिया गया है। वे न्याय की भीख मांग रही हैं। क्या यह सही है? गृहमंत्री और खेल मंत्री गुहार सुनिए। जब आप उनके साथ नहीं खड़े होंगे तो इस फील्ड में ही नहीं बल्कि बाकी खेलों में भी बेटी बचाओ के नारे देने का क्या मतलब रह जाता है।”