Wmo:50 वर्षों में खराब मौसम-प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारत में गई 1.3 लाख लोगों की जान; Un की रिपोर्ट में दावा – India Lost Over More Than One Lakh Lives In Disasters Linked To Extreme Weather And Climate Change In 50 Years
जलवायु परिवर्तन
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दुनियाभर में गर्मी की तपन दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वैश्विक तपन और जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियाभर में बहस भी लंबे समय से चल रही है। कुछ देश इस मुद्दे पर साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं तो कुछ इसकी चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए अपने यहां अंधाधुंध औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। इस बीच, सामने आया है कि 1970 से 2021 के बीच पचास सालों में भारत में गंभीर मौसमी दशाओं, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण 1.3 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है। संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी रिपोर्ट नें यह दावा किया है।
खराब मौसमी दशाओं और प्राकृतिक आपदाओं से भारत में मारे गए 1.3 लाख लोग
यूएन की विशेष एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान विभाग ने अपनी इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन सालों में खराब मौसम, जलवायु और जल संबंधी घटनाओं के कारण भारत को 573 आपदाओं का सामना करना पड़ा है। इन आपदाओं में 1,38,377 लोगों की जान गई है। साथ ही 5 से 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भारत की जलवायु पर जो वार्षिक वक्तव्य जारी किया था उसमें विभाग ने बताया था कि 2022 में चरम मौसम की घटनाओं के कारण देश में 2,227 लोग हताहत हुए थे।
वैश्विक स्तर पर 20 लाख लोगों की हुई मौत
वहीं, वैश्विक स्तर पर 11,778 आपदा की घटनाएं इस समयावधि में दर्ज की गईं। साथ ही वैश्विक स्तर पर इस अवधि के दौरान 20 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई और 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया भर में रिपोर्ट की गई मौतों में से 90 प्रतिशत से अधिक विकासशील देशों में हुई हैं।