Wfi:शीर्ष पहलवान बृजभूषण के खिलाफ फिर धरने पर बैठे, एफआईआर न होने से नाराज – Wfi: Top Wrestler Again On Strike Against Brij Bhushan, Angry Over Lack Of Fir
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
देश के शीर्ष पहलवानों में शुमार बजरंग, विनेश, साक्षी मलिक रविवार को भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर तीन माह बाद फिर धरने पर बैठ गए। तीनों पहलवानों का कहना है कि एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने दो दिन पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में यौन शोषण और पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्डे्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) के तहत शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। शिकायत में एक नाबालिग भी शामिल है, इस लिए एफआईआर तुरंत दर्ज होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
पहलवानों ने कहा कि खेल मंत्रालय की ओर मैरी कॉम की अगुवाई वाली समिति की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने और बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करने के चलते उन्हें फिर धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती है और उन्हें न्याय नहीं मिलता है तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। बजरंग ने कहा कि कुश्ती संघ को अच्छे लोगों को चलाना चाहिए, बाहुबलियों को नहीं। कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर वे धरना खत्म कर देंगे।
शिकायतकर्ताओं में अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान भी
देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्डी बजरंग, विनेश और साक्षी के अलावा धरने पर बैठने वालों में बजरंग की पहलवान पत्नी संगीता फोगाट, साक्षी के पति अर्जुन अवार्डी पहलवान सत्यव्रत कादियान और अंतरराष्ट्रीय पहलवान जितेंदर कुमार शामिल हैं। पहलवानों ने कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले पहलवानों का नाम सार्वजनिक करने से मना कर दिया। विनेश ने कहा कि उनके पास बृजभूषण के खिलाफ सारे सुबूत हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत करने वालों में कुछ अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान भी हैं।
तीन माह से जांच रिपोर्ट का कर रहे इंतजार
रियो ओलंपिक की पदक विजेता साक्षी ने कहा कि धरने पर बैठना उनकी मजबूरी बन गई है। हमें रिपोर्ट का इंतजार करते हुए तीन माह हो गए हैं। हमें उम्मीद थी कि खेल मंत्रालय हमारा साथ देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम जहां भी जाते हैं हमसे यही कहा जाता है कि उन्होंने झूठे आरोप लगाए हैं, लेकिन हमने सच की लड़ाई लड़ी है। हम चाहते हैं कि रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक किया जाए।
बृजभूषण के शहर में राष्ट्रीय कुश्ती के आयोजन पर नाराजगी
धरने पर इस वक्त बैठने के पीछे बजरंग ने कहा कि जिस कुश्ती संघ को काम करने से रोका गया था। अब वह फिर से काम करने लग गई है। कुुश्ती संघ का ऑफिस भी खुल गया है और तो और कैटेड राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप भी बृजभूषण के घर गोंडा में कराई जा रही है। ऐसे में तो हमारे साथ धोखा हुआ है। हमारे पास धरने पर बैठने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। विनेश का कहना है कि पिछले तीन माह से उन्हें मानसिक प्रताडऩा के दौर से गुजरना पड़ा है। यह मामला अब महिला पहलवानों की इज्जत का सवाल बन गया है। यहां तक खेल मंत्रालय और निगरानी समिति के अधिकारी भी उनका फोन नहीं उठा रहे हैं।
वरिष्ठ पहलवान खुद लड़ेंगे लड़ाई
साक्षी का कहना है कि हम लोगों से सुन रहे हैं कि उनका कॅरिअर खत्म हो गया है। हम धरने पर यही दिखाने के लिए बैठे हैं कि पहलवान खत्म नहीं हुए हैं। धरने पर सिर्फ छह पहलवान आने के पीछे उन्होंने कहा कि वे जूनियर पहलवानों का कॅरिअर खत्म नहीं करना चाहते हैं। वरिष्ठ पहलवान होने के नाते उन्होंने धरने की जिम्मेदारी खुद ली है। अब वे ये लड़ाई खुद लड़ेंगे। पहलवानों ने इसे एक परिवार की लड़ाई (फोगाट परिवार) की लड़ाई मानने से इन्कार करते हुए कहा कि यह कुश्ती परिवार की लड़ाई है।
बिना अनुमति के धरने पर बैठे
पहलवान बिना पुलिस की अनुमति के धरने पर बैठे हैं। धरना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने कहा है कि वे पहलवानों से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश करेंगी। वे उनसे कहेंगे कि अपना धरना समाप्त कर लें।