शहर में खुलेआम घूम रहे मानसिक रोगी नशे के लिए कुछ भी कर सकते हैं…?

इंदौर । शहर में इन दिनों कम उम्र के लड़के एवं वयस्क नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं । युवा वर्ग बाणगंगा, चंदन नगर एवं स्टेशन के आसपास देखे जा सकते है जो सस्ते नशे व्हाइटनर ,थीनर और सॉल्यूशन को नशे के रूप में उपयोग करते हैं जो कि 40 से 60 रु में आसानी से मिल जाता है । इस प्रकार का नशा करने से भूख नहीं लगती ,नशेड़ी मदहोशी की हालत में घूमता रहता है इसे रुमाल में डालकर सुंगते हैं नशा ना मिलने पर यह लोग दिन में ही चोरी की वारदात को अंजाम तक दे देते हैं। बच्चे सस्ते नशे के चक्कर में रोड पर या आसपास उन्हें जो भी सामान दिखाई देता है उन्हें स्क्रैप वाले को बेच अपना नशे की व्यवस्था कर लेते हैं । इन लोगो को नशा स्टेशनरी एवं हार्डवेयर की दुकान से आसानी से मिल जाता है दुकानदार को भी इस बात की पूरी जानकारी होती है कि नशेड़ी सॉल्यूशन ,व्हाइटनर, थीनर को नशे के रूप में उपयोग में लेगा फिर भी दुकानदार अपने फायदे के लिए नशेड़ीयो को नशे की सामग्री बेचते हैं। ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध शासन को सख्त कार्यवाही करना चाहिए चंदन नगर चौराहे का एक ताजा मामला सामने आया है जिसमें एक नशेड़ी होटल संचालक की टेबल एवं रेगुलेटर जिसकी वैल्यू 3 से 4 हजार रु थी मात्र 300 रु में बेच देता है इन मानसिक रोगियों को जब नशा नहीं मिलता है तो नशे की खातिर किसी भी वारदात को अंजाम दे सकते हैं एवं पागलों की भाँति हरकतें करने लगते हैं। धीरे-धीरे नशे की लत उन्हें किसी का काम का नहीं छोड़ती उनके सोचने समझने की शक्ति पूरी तरह खत्म हो जाती है शहर में कई इलाकों में ऐसे मानसिक रोगी खुलेआम घूम रहे हैं जिन्हें नगर निगम या सामाजिक संस्थाओं की मदद से मानसिक चिकित्सालय में भर्ती किया जाना चाहिए।
प्लास्टिक की थैली में डाल करते हैं नशा
यह एक प्रकार का फ्लुइड होता है जो व्हाइटनर इरेज की शीशी के साथ थिनर के रूप में मिलता है यह पानी की तरह बाटल में व्हाइट फ्लूड को पतला करने के लिए काम में लेते हैं । 40 से 60 रु में यह नशा आसानी से मिल जाता है कुछ बच्चे, वयस्क डेनड्रॉयड एक प्रकार का चिपकाने वाला तरल पदार्थ होता है जिसे नशे के रूप में उपयोग करते हैं जोकि मात्र 20 रु में दुकानदारों के पास आसानी से मिल जाता है जिसे नशे के रूप में प्रयोग करते हैं ।
शासन को इस प्रकार नशेड़ीयो को नशे की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्यवाही करना चाहिए साथ ही नगर निगम को शहर में खुलेआम घूम रहे मानसिक रोगियों को मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करना चाहिए ।