विशाल भारद्वाज, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता हैं। अपनी फिल्मों के जरिए लोगों को खास संदेश देने वाले फिल्म निर्माता ने हालिया रिलीज विवादित फिल्मों ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ‘द कश्मीर फाइल्स’ (2022) और ‘द केरल स्टोरी’ (2023) दोनों ही बड़ी व्यावसायिक हिट थीं, लेकिन विपक्ष के कई लोगों ने उन्हें प्रोपेगेंडा फिल्में कहकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। वहीं, अब इन्हें लेकर विशाल भारद्वाज का बयान जबर्दस्त सुर्खियां बटोर रहा है।
विशाल भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ जैसी फिल्में नहीं देखीं क्योंकि वह ऐसे संवेदनशील विषयों से दूर रहना चाहते थे। फिल्म निर्माता ने कहा, ‘मैंने द कश्मीर फाइल्स, द केरल स्टोरी नहीं देखी। इन फिल्मों के बारे में जिस तरह की बातें मैं सुन रहा था, मैं उससे प्रभावित नहीं होना चाहता था। मैं अपने दोस्तों और अपने परिचित लोगों से सुन रहा था कि वे प्रचार फिल्में हैं। इसलिए, मैं बस इससे दूर रहना चाहता था क्योंकि मेरे लिए यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है। अगर इतनी नकारात्मकता है तो मैं उस नकारात्मकता से बाहर रहना चाहता हूं, मुझे अपनी शांति पसंद है। इसलिए, मैं उन्हें देखना नहीं चाहता था।’
जानकारी हो कि विशाल भारद्वाज, शाहिद कपूर और तब्बू अभिनीत फिल्म ‘हैदर’ में कश्मीर संघर्ष का चित्रण करने के लिए आलोचनात्मक प्रशंसा हासिल कर चुके हैं। भारद्वाज ने अपने साथी फिल्म निर्माताओं से वास्तविक जीवन की दुखद घटनाओं से प्रेरित कहानियों के साथ संवेदनशीलता से निपटने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि मेरे फिल्म निर्माता समुदाय ऐसी कहानियों को संवेदनशील तरीके से लें, और इसे प्रचार के रूप में इस्तेमाल न करें।’
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यह पूछे जाने पर कि क्या हिंदी सिनेमा में पिछले कुछ वर्षों में फिल्म निर्माण का उद्देश्य बदल गया है, 58 वर्षीय लेखक-निर्देशक ने कहा कि यह लाजिमी है क्योंकि समाज भी बदल रहा है। उन्होंने कहा, ‘सिनेमा एक ऐसी चीज है जिसे आप जैसे चाहें वैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं और देख रहे हैं, तो हमें स्वीकार करना चाहिए कि लोग बदल रहे हैं। हम एक समाज के रूप में बदल रहे हैं।’