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Uranus गृह पर छाए दिल्ली के जैसे स्मोग बादल, NASA ने फोटोज जारी कर किया खुलासा, 242 साल पहले हुई थी Uranus की खोज

84 साल में लगाता हैं सूरज का एक चक्कर

यूरेनस (Uranus) के उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) पर गर्मियां आने वाली हैं। इस समय वहां पर कोहरे के बादल दिख रहे हैं। जिसकी तस्वीर 8 साल बाद हबल स्पेस टेलिस्कोप (Hubble Space Telescope) ने ली है। ये तस्वीरें नासा (NASA) ने 23 मार्च को जारी की हैं।

Uranus

इस नीले और बर्फीले ग्रह के मौसम की जांच करने के बाद NASA ने यह तस्वीरें जारी कीं। NASA के वैज्ञानिक कोहरे के इन बादलों को देखकर हैरान हैं। आपको बता दें कि, Uranus को सूरज का एक चक्कर लगाने में 84 साल लगते हैं। इसलिए वहां का मौसम जल्दी नहीं बदलता।

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एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज फॉर रिसर्च इन एस्ट्रोनॉमी के वाइस प्रेसीडेंट हीदी बी हमेल ने कहा कि, अभी तक किसी इंसान ने इस ग्रह को ढंग से नहीं पढ़ा है। हमें इसके उप्पर और स्टडी करने की जरुरत है, ताकि सौर मंडल के इस रहस्यमयी ग्रह को समझ सकें।

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Uranus की खोज 242 साल पहले हुई थी। लेकिन तब से अब तक इस ग्रह के बारे में लोगों और वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी हासिल की है। इसकी चमकदार रोशनी के बारे में तो वैज्ञानिकों को पता भी नहीं था। यह खोज तो साल 1950 में हुई थी, वो भी तब जब टेलिस्कोपों में इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्टर्स लगाए गए।

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अब जो तस्वीरें जारी हुई हैं, उन्हें देखकर लगता है कि, Uranus का उत्तरी गोलार्ध अब सूरज की तरफ घूम चुका है। क्योंकि वो काफी चमकदार दिख रहा है. इससे पहले इस हिस्से की तस्वीर वॉयजर-2 स्पेसक्राफ्ट ने 1986 में ली थी। जो रंगों में अंतर दिख रहा है, वो बादलों की मोटाई में अंतर की वजह से दिख रहा है।

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डॉ. हमेल ने आगे कहा कि, Uranus के इस मौसम को समझना फिलहाल इंसानी दिमाग के परे हैं। लेकिन वैज्ञानिक हम डेटा का एनालिसिस कर रहे हैं। हबल टेलिस्कोप ने इससे पहले Uranus की तस्वीर 2014 में ली थी। इस टेलिस्कोप को नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है।

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इस गृह पर ध्रुवों की तरफ कुछ छोटे तूफान भी दिख रहे हैं। जिनकी वजह से हवाओं का रुख बदल रहा है। अब यूरेनस पर गर्मी आ रही है। अगले 5 साल तक इस रहस्यमयी ग्रह का उत्तरी गोलार्ध सूरज की तरफ रहेगा, इसका दक्षिणी गोलार्ध 2028 तक अंधेरे में ही रहने वाला है। इस ग्रह की नई तस्वीरों की स्टडी करने के लिए वैज्ञानिक हबल, जेम्स वेब और केक ऑब्जरवेटरी में रखी पुरानी तस्वीरों को भी जांच रहे हैं। ताकि यूरेनस के बारे में ज्यादा जानकारी पता चल सके।

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