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Ucc:डीएमके ने समान नागरिक संहिता को बताया विभाजनकारी, कहा- पहले खत्म हो जातिगत भेदभाव – Dmk Calls Uniform Civil Code Divisive, Says First End Caste Discrimination

DMK calls Uniform Civil Code divisive, says first end caste discrimination

MK Stalin
– फोटो : Social Media

विस्तार


द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने बुधवार को कहा कि उसने समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ अपना विरोध-पत्र लॉ कमीशन को सौंप दिया। इसमें पार्टी ने केंद्र से प्रस्तावित संहिता को लागू नहीं करने की सिफारिश करने का आग्रह किया है। डीएमके ने कानून पैनल को सौंपे अपने पत्र में कहा कि यूसीसी विभाजनकारी है और यह शांति और सद्भाव को बिगाड़ देगा। यह लोगों के हित में नहीं हैं।

पार्टी ने कानून पैनल को बताया कि भारत की सुंदरता हमेशा इसकी विविधता में रही है। ऐसे में यूसीसी जैसे विभाजनकारी कानून तमिलनाडु में धार्मिक समूहों के बीच शांति और सद्भाव को बिगाड़ देंगे। यह जातीय या धार्मिक समूहों के बीच संघर्ष पैदा कर सकता है और इससे मणिपुर जैसी भयानक हिंसा हो सकती है, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें नियंत्रित नहीं कर सकती हैं।

पहले खत्म हो जातिगत भेदभाव

द्रविड़ियन पार्टी ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि उसको सबसे पहले मंदिरों में सभी जातियों के पुजारियों की नियुक्ति और जातिगत भेदभाव को खत्म करना चाहिए। उसने कहा कि एक राष्ट्र, एक भाषा और एक संस्कृति के प्रति भाजपा का ‘जुनून’ अब एक नागरिक संहिता में बदल रहा है।






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