खेल एक ऐसी चीज है, जिसके साथ विवाद जुड़ा हुआ होता है। कॉन्ट्रोवर्सी यानी विवाद को खेल का अहम हिस्सा माना जाता है। कोई भी खेल हो, चाहे वह क्रिकेट हो या फुटबॉल, या कबड्डी या हॉकी या फिर कुश्ती, इन सभी खेलों के साथ कोई न कोई विवाद जुड़ा रहा है। साल 2023 खत्म होने को है और हम आपको इस साल खेल से जुड़े कुछ बड़े विवादों के बारे में बता रहे हैं, जिसने पूरी दुनिया को चौंका कर रख दिया….
1. फुटबॉल में हरमोसो-रुबियालेस स्कैंडल
फीफा महिला विश्व कप जीतने वाली स्पेन की टीम की सदस्य जेनी हरमोसो ने स्पेनिश सॉकर फेडरेशन के निलंबित अध्यक्ष लुइस रुबियालेस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। विश्व कप के पुरस्कार समारोह के दौरान स्पेन की फॉरवर्ड हरमोसो का आरोप था कि रुबियालेस ने उनकी बिना अनुमति के उन्हें किस किया था। इसके बाद जबरदस्त हंगामा मच गया था। इतना ही रुबियालेस अन्य स्पैनिश खिलाड़ियों को भी किस और गलत तरीके से छूते और गले लगाते दिखे थे। इस घटना ने दुनिया को हिला कर रखा दिया था।
2. भारत बनाम ईरान कबड्डी मैच में धरना
भारत और ईरान के बीच खेला गया 2023 एशियन गेम्स का पुरुषों का कबड्डी फाइनल भी काफी विवादों में रहा था। फाइनल में भारत और ईरान के खिलाड़ियों के बीच जमकर विवाद हुआ। हालांकि, खिलाड़ी आपस में नहीं भिड़े। मैच रेफरी और दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच जमकर बहस हुई। यह पूरा विवाद रेफरी के एक फैसले को लेकर हुआ था, जो कि भारत के खिलाफ गया था। इस पर भारतीय टीम ने विरोध जताया था। फिर कभी भारत के खिलाड़ी धरने पर बैठे तो कभी ईरान के खिलाड़ियों ने मैट पर बैठकर अपना विरोध जताया।
मैच अधिकारी बार-बार अपना फैसला पलटते रहे। जिस टीम ने ज्यादा दबाव बनाया फैसला उसी के पक्ष में हो गया। 40 मिनट में खत्म हो जाने वाला कबड्डी का मैच विवाद की वजह से लगभग एक घंटे कर रुका रहा। अंत में फैसला भारत के पक्ष में हुआ और भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया था। चीन के हांगझोऊ में हुए एशियाई खेलों में ही भारत के कई एथलीट्स के साथ गलत हुआ था। कबड्डी टीम से पहले एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा-किशोर जेना और ज्योति याराजी के भी मुकाबले विवादों में रहे थे।
3. अरुणाचल प्रदेश के वूशु खिलाड़ियों को नहीं मिला वीजा
हांगझोऊ में 19वें एशियाई खेलों से पहले भारत और चीन के बीच तकरार देखने को मिली। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के तीन एथलीट्स को चीन ने वीजा देने से इनकार कर दिया था। यह तीनों खिलाड़ी वूशु के थे। ऐसे में तीनों एथलीट्स हांगझोऊ रवाना नहीं हो सके।
इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया था। साथ ही खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चीन के एशियाई खेलों के आगाज के आमंत्रण को ठुकरा दिया था। चीन ने जब अरुणाचल प्रदेश के तीनों एथलीट्स को वीजा जारी नहीं किया तो इसकी सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई थी। इससे पहले भी 26 जुलाई को विश्व यूनिवर्सिटी खेलों के लिए इन्हीं तीनों खिलाड़ियों को चीन ने नत्थी वीजा जारी कर दिया था।
इसके विरोध में भारत सरकार ने पूरी वूशु टीम को एयरपोर्ट से वापस बुला लिया था। तब चीन को फजीहत झेलनी पड़ी थी। चीन की यह मानसिकता है कि वह अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और तिब्बत पर चीन का अधिकार है। ऐसे में चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपने देश का हिस्सा मानता है। चीन उन इलाकों को भारत का हिस्सा नहीं मानता है, जिनके लिए वह स्टेपल वीजा जारी कर रहा है। चीन वर्षों से अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता रहा है।
4. एंजेलो मैथ्यूज का टाइम आउट होना
सिर्फ विश्व कप ही नहीं बल्कि पूरे क्रिकेट इतिहास में टाइम आउट विवाद को याद रखा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 146 वर्षों के इतिहास में श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज टाइम आउट होने वाले पहले क्रिकेटर बने। बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में उनके हेलमेट में कुछ समस्या आई। इस वजह से वह तय समय पर गेंद का सामना करने के लिए तैयार नहीं हो सके। बांग्लादेश की अपील पर उन्हें आउट करार दिया गया। इसके बाद तो दुनिया ने कुछ और ऐसे आउट देखे, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
दिसंबर 2023 में बांग्लादेश के मुशफिकुर रहीम ‘हैंडलिंग द बॉल’ या यूं कहें ‘ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड (मैदान में बाधा डालना) आउट का शिकार हो गए। ‘मैदान में बाधा डालने’ पर आउट तब दिया जाता है जब बल्लेबाज गेंद के एक्शन या मोशन में रहते हुए उस हाथ से गेंद के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है, जो हाथ बल्ले पर नहीं है। इस तरह कीवियों ने मैथ्यूज का बदला ले लिया।
5. श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को वहां के खेल मंत्रालय ने बर्खास्त किया