Supreme Court:देशद्रोह कानून के खिलाफ याचिकाओं पर आज होगी ‘सुप्रीम’ सुनवाई, बीते साल कोर्ट ने लगाई थी रोक – Supreme Court To Hear Pleas Challenging Validity Of Penal Law On Sedition
देशद्रोह कानून।
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देशद्रोह कानून पर रोक लगाने के करीबन एक साल बाद सुप्रीम कोर्ट औपनिवेशिक युग के इस दंडात्मक कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार को होने वाली सुनवाई के दौरान विवादास्पद दंड कानून की समीक्षा के संबंध में अब तक उठाए गए कदमों के बारे में केंद्र सरकार शीर्ष अदालत को जानकारी दे सकती है। इस कानून को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिका सहित कई अन्य याचिकाएं भी शीर्ष कोर्ट में लंबित हैं।
इससे पहले, बीते साल 31 अक्तूबर को शीर्ष अदालत ने देशद्रोह कानून की समीक्षा के लिए सरकार से उचित कदम उठाने के लिए कहा था। इसके लिए सरकार को अदालत ने अतिरिक्त समय भी दिया था। साथ ही देशद्रोह कानून और एफआईआर के परिणामी पंजीकरण पर रोक लगाते हुए शीर्ष कोर्ट अपने 11 मई के निर्देश को बढ़ा दिया था।
बीते साल अक्तूबर में केंद्र सरकार ने पीठ से समीक्षा के लिए कुछ और समय मांगते हुए कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में भी इसपर कुछ हो सकता है।
बीते साल कोर्ट ने लगाई थी रोक
गौरतलब है कि बीते साल इस कानून को ताक पर रखते हुए तत्कालीन सीजेआई एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया था कि नई प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा, इस कानून के तहत दर्ज मामलों में चल रही जांच, लंबित परीक्षण के साथ ही राजद्रोह कानून के तहत सभी कार्यवाही स्थगित रहेंगी। पीठ ने कहा था कि “आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) की कठोरता वर्तमान सामाजिक परिवेश के अनुरूप नहीं है। पीठ ने इसके इस प्रावधान पर पुनर्विचार की अनुमति दी थी। पीठ ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि जब तक प्रावधान की फिर से जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक सरकारों द्वारा कानून के पूर्वोक्त प्रावधान के उपयोग को जारी नहीं रखना उचित होगा।