बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर सुनील दत्त आज हमारे बीच नहीं हैं। सुनील दत्त ने 25 मई 2005 को हार्ट अटैक की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया था। हालांकि, एक्टर ने अपने निधन से पहले परेश रावल को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी को 30 मई 2018 को परेश ने अपने जन्मदिन के अवसर पर मीडिया के सामने साझा किया था। आखिर इस खत में संजय दत्त के पिता ने क्या लिखा था, आइए जान लेते हैं-
सबसे पहले सुनील दत्त के शानदार फिल्मी करियर की बात कर लेते हैं। सुनील को वर्ष 1955 की फिल्म ‘रेलवे प्लेटफॉर्म’ से डायरेक्टर रमेश सजगल ने ब्रेक दिया था। इस दौरान वह रेडियो पर ‘लिप्टन की महफिल’ शो को होस्ट कर रहे थे। वर्ष 1953 में दिलीप कुमार की फिल्म ‘शिकस्त’ की कवरिंग के दौरान सुनील की मुलाकात रमेश सजगल से हुई थी। रमेश को पहली ही मुलाकात में सुनील की आवाज और पर्सनैलिटी ने काफी प्रभावित किया, इसी का नतीजा रहा कि रमेश ने उन्हें अपनी अपकमिंग फिल्म का ऑफर दे दिया।
रमेश सजगल ने ही एक्टर का असली नाम बलराज दत्त बदलकर ‘सुनील दत्त’ रखा था। ‘रेलवे प्लेटफॉर्म’ फिल्म को करने के बाद सुनील अपने करियर में आगे बढ़ते चले गए और कई मूवी में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। एक्टर को स्टारडम वर्ष 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ से हासिल हुआ। इसके बाद करियर में आगे बढ़ते हुए सुनील ने ‘साधना’, ‘इंसान जाग उठा’, ‘मुझे जीने दो’, ‘खानदान’ सहित कई मूवी में शानदार अभिनय कर तारीफें बटोरीं।
सुनील दत्त की मौत से पहले की लिखी चिट्टी पर बात करें तो वह, परेश रावल के बेहद खास दोस्त थे। सुनील के बेटे संजय दत्त की बायोपिक ‘संजू’ में भी परेश ने ही उनके पिता का किरदार निभाया था। परेश रावल ने सुनील दत्त की लिखी चिट्ठी को बकायदा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया था। खत में लिखा था, ‘प्रिय परेश जी, 30 मई को आपका बर्थडे आने वाला है। मैं आपकी लंबी उम्र, खुशहाली की कामना करता हूं। भगवान आप और आपके परिवार पर खुशियों की बरसात करता रहे।’
परेश राव ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें सुनील दत्त के निधन की खबर मिली तो उन्होंने तुरंत पत्नी स्वरुप संपत को फोन लगाकर इसकी जानकारी दी, और कहा कि वह घर देर से आएंगे। परेश ने कहा, ‘इसके बाद उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने (सुनील) आपको एक लेटर लिखा है। मैंने अपनी वाइफ से पूछा कि लेटर में क्या था और उन्होंने मुझसे कहा कि वो आपको बर्थडे विश करने के बारे में था। मैंने उन्हें कहा कि मेरा बर्थडे 30 मई को होता है, जो 5 दिन बाद है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह लेटर आपके लिए है, और उन्होंने मेरे लिए इसे पढ़ा भी था। मैं काफी सरप्राइज था। दत्त साहब मुझे मेरे बर्थडे के 5 दिन पहले लेटर क्यों भेजेंगे, और हमने अतीत में कभी हॉलिडे ग्रीटिंग्स एक-दूसरे को नहीं दी थीं-चाहे वो दिवाली हो या क्रिसमस-तो वो मुझे ये क्यूं लिखेंगे।’