केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर में हुए नृशंस घटना की वायरल वीडियो और महिला अत्याचार को लेकर राजस्थान सरकार और टीएमसी पर निशाना साधा। स्मृति ईरानी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह (मणिपुर वायरल वीडियो) मुद्दा न केवल संवेदनशील है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में इसके निहितार्थ हैं और विपक्षी नेताओं को इसकी जानकारी है। इसलिए, विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं करना चाहता था।
उन्होंने कहा, यह बेहद चिंताजनक बात है कि शुक्रवार को राजस्थान के एक मंत्री ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर बात की और उन्हें कांग्रेस द्वारा अनौपचारिक रूप से बर्खास्त कर दिया गया। कांग्रेस राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के बारे में सच्चाई नहीं सुनना चाहती…कांग्रेस पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के दौरान लोगों की हत्याओं पर मूकदर्शक बनी हुई है, क्योंकि वह टीएमसी के साथ सहयोग की भूखी है।
उन्होंने कहा कि उतना ही चौंकाने वाला एक और वीडियो है जो पश्चिम बंगाल के मालदा से सामने आया है, जिसमें दो दलित महिलाओं को पीटा जा रहा है और उनके कपड़े उतारे जा रहे हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को किया बर्खास्त
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार रात प्रदेश के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया। राजभवन के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला सुरक्षा और उनके खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था, इसके कुछ ही घंटे बाद यह कार्रवाई हुई। राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि गुढ़ा को बर्खास्त करने के बारे में मुख्यमंत्री की अनुशंसा को राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है।
राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराईं। गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा राजस्थान में, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए और राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है। राठौड़ ने बाद में ट्वीट में कहा, राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है।
पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है। उन्होंने कहा, महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर एक स्थान पर है। मैंने क्या गलत कहा? मुझे सच बोलने की सजा मिली। गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग था।
गौरतलब है कि गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की टिकट पर जीता था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। गुढ़ा को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। गुढ़ा उसके बाद खुलकर सचिन पायलट का समर्थन करते नजर आए और अपने कई बयानों को लेकर विवादों में रहे। हाल ही में गुढ़ा का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुआ था जिसमें वह कह रहे थे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस नेता सचिन पायलट, दोनों उनके पीछे भाग रहे हैं तो उनमें कुछ तो गुण होंगे।