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Sengol:’सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक नहीं सेंगोल, राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश’, कांग्रेस ने किया बड़ा दावा – Sengol Is Not Symbol Of Power Transfer Congress Jairam Ramesh Claim Its For Political Benefits In Tamilnadu

sengol is not symbol of power transfer congress jairam ramesh claim its for political benefits in tamilnadu

सेंगोल के साथ पूर्व पीएम नेहरू
– फोटो : SOCIAL MEDIA

विस्तार

नए संसद भवन के उद्घाटन में जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है, वो है सेंगोल, जिसे सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर पेश किया जा रहा है। भाजपा का आरोप है कि आजादी के समय पंडित नेहरू को यह सेंगोल सौंपा गया था लेकिन उसके बाद हिंदू परंपरा के प्रतीक इस सेंगोल को म्यूजियम में रख दिया गया। जिसे अब पीएम मोदी को सौंपा जाएगा। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा  ने दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि सेंगोल सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक नहीं है और इसे लेकर कोई दस्तावेजी सबूत भी उपलब्ध नहीं हैं। 

जयराम रमेश ने किया बड़ा दावा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि ‘राजदंड का इस्तेमाल अब प्रधानमंत्री और उनके समर्थकों द्वारा तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा यह इस ब्रिगेड की खासियत है, जो अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तथ्यों को उलझाती है। असल सवाल ये है कि नई संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया है।’

भाजपा के दावे का नहीं कोई दस्तावेजी सबूत

जयराम रमेश यहीं नहीं रुके और उन्होंने लिखा कि ‘इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, राजाजी और नेहरू ने इस राजदंड को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक कहा था। इसे लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं, वो गलत हैं। यह कुछ लोगों के दिमाग में आया और फिर व्हाट्सएप पर फैला दिया गया और अब भाजपा समर्थकों द्वारा मीडिया पर इसे फैला रहे हैं। सी राजगोपालाचारी के बारे में जानने वाले दो विद्वानों ने भी इस दावे पर हैरानी जताई है।’



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