Sanjay Mishra:क्यों सबकुछ छोड़कर पहाड़ों पर चले गए थे संजय मिश्रा? रोहित शेट्टी ने इस फिल्म से कराया था कमबैक – Sanjay Mishra Birthday Know The Unknown Fact About Ankhon Dekhi Golmaal Welcome Actor Career Show And Movies
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता संजय मिश्रा आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। छोटे और बड़े पर्दे पर संजय मिश्रा ने खूब नाम कमाया है। अपनी अभिनय प्रतिभा से यह हर किरदार में जान फूंकने में माहिर हैं। यूं तो संजय मिश्रा को ज्यादातर उनके कॉमेडी किरदारों के लिए जाना जाता है, लेकिन कई फिल्मों में उन्होंने गंभीर किरदार भी बड़ी संजीदगी के साथ निभाए हैं। अपने अब तक के करियर में उन्होंने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया हैं। इंडस्ट्री में अच्छी-खासी पहचान बनाने के बाद भी संजय मिश्रा ने एक बार फिल्म इंडस्ट्री से विदा लेने का फैसला कर लिया था। आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातों को जानते हैं।
संजय मिश्रा का जन्म 6 अक्तूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में हुआ था। संजय मिश्रा के पिता शम्भूनाथ मिश्रा पेशे से जर्नलिस्ट थे। सजंय जब 9 साल के थे तो उनका परिवार वाराणसी शिफ्ट हो गया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई वाराणसी के केंद्रीय विद्यालय बीएचयू कैम्पस से की है। इसके बाद उन्होंने बैचलर डिग्री वर्ष 1989 में पूरी करने के बाद 1991 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय का कोर्स किया और फिर अभिनय की दुनिया में कदम रखा।
संजय मिश्रा ने एक्टिंग की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी। बाद में उन्होंने फिल्मों की तरफ अपना रुख किया। वह ‘दिल से’, ‘बंटी और बबली’, ‘अपना सपना मनी मनी’, ‘आंखों देखी’, ‘फंस गए रे ओबामा’, ‘ मिस टनकपुर हाजिर हो’, ‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’, ‘आंखों देखी’, ‘दम लगाके हइशा’, और ‘मसान’ जैसी कई शानदार फिल्मों में काम कर चुके हैं। फिल्म ‘आंखों देखी’ के लिए अभिनेता को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर क्रिटिक्स का अवॉर्ड भी मिला था। उन्होंने कई विज्ञापनों में भी काम किया है।
इंडस्ट्री में अच्छा खासा नाम कमाने के बाद भी एक दिन अचानक संजय मिश्रा ने अभिनय की दुनिया से मुंह मोड़ लिया था। वह एक ढाबे पर काम करने लगे थे। उनके इस फैसले की वजह उनके पिता का निधन था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय मिश्रा अपने पिता के बेहद करीब थे और पिता के जाने के बाद वह इस कदर टूट चुके कि एक्टिंग की दुनिया में लौटने का मन नहीं बना पाए और ऋषिकेश के एक ढाबे पर काम करने लगे थे।
जाने माने निर्देशक रोहित शेट्टी इसी दौरान फिल्म ‘ऑल द बेस्ट’ बना रहे थे। रोहित ने एक रोल के लिए संजय मिश्रा को याद किया। उन्होंने पहले तो यह किरदार करने और वापस आने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में रोहित शेट्टी ने उन्हें किसी तरह मना लिया था। इसके बाद संजय मिश्रा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।