Samvad 2024 Manu Bhaker Ready For Paris Olympics Claims To Win Medal Amar Ujala Samvad 2024 Olympian Interview – Amar Ujala Hindi News Live
मनु भाकर
– फोटो : अमर उजाला/PTI
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अमर उजाला के ‘संवाद : उत्तर प्रदेश’ कार्यक्रम में दूसरे दिन युवा निशानेबाज मनु भाकर ने हिस्सा लिया। मंगलवार (27 फरवरी) को लखनऊ में उन्होंने पेरिस ओलंपिक की तैयारी को लेकर बात की। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर अपनी बात कही। टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी भाकर की नजरें अब पेरिस में पदक जीतने पर है। पिछली बार वह चूक गई थीं, लेकिन इस बार वह सटीक निशाना लगाना चाहेंगी।
मनु 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और 70 से अधिक राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। 2021 में हुए ओलंपिक में वह सातवें स्थान पर रहीं। अब इस साल पेरिस में होने जा रही ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक लाना उनका लक्ष्य है। 2023 में मनु ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।
मनु से ओलंपिक से जुड़े पूछे गए कुछ सवाल:
सवाल: टोक्यो ओलंपिक में आपकी शूटिंग इवेंट के दौरान पिस्टल खराब हो गया था। 14 मिनट ठीक होने में लग गए। ऐसे में आपको 36 मिनट में 44 शॉट लगाने थे। सवाल ये है कि आप उससे कैसे उबरीं?
मनु का जबाव: टोक्यो ओलंपिक के बाद मैं दो महीने डिप्रेस थी। हर जगह मैं जानती थी जहां मैं गोल्ड जीतती हूं, सिल्वर-ब्रॉन्ज नहीं गोल्ड जीतती हूं, लेकिन मैं वहां पिस्टल की वजह से चूक गई। लेकिन लाइफ वहां खत्म थोड़ी हो गई। मैंने सोचा कि मैं फिर से वो मोमेंट क्रिएट कर लूंगी। ओलंपिक के बाद एक महीने तक शूटिंग को देखा तक नहीं था। मोरल ये है कि अगर कभी कामयाबी न मिले तो इसको सोचकर हार नहीं मान लेनी चाहिए। आपको ये सोचना चाहिए कि मैं आगे भी कर सकती हूं। आपके लिए लाइफ में सबसे ज्यादा जरूरी होती है आपकी खुशी। अगर आप हार के बाद भी खुश होने की क्षमता रखते हैं तो आप वो मोमेंट आगे चलकर भी दोहरा सकते हैं।
सवाल: हार से कैसे उबरें? ऐसा क्या करें जिससे उबर सकें?
जबाव: आप बायोग्राफी पढ़िए। मैं अभी उसेन बोल्ट की बुक पढ़ रही हूं। मैंने देखा है कि वो हार कर जितनी प्रेरणी मिलती है वो जीत से नहीं मिलती। हारने की प्रेरणा बहुत मजबूत होती है। बोल्ट कितनी बार हारे लेकिन उन्होंने उससे प्रेरणा ली और आज देखिए कोई ऐसी प्रतियोगिता नहीं जिसने उन्होंने नहीं जीती हो।
सवाल: एक ओलंपिक आप खेल कर आ चुकी हैं। वो माहौल जी चुकी हैं। अब एक और चुनौती है। आपकी तैयारी कितनी है? उस तैयारी की कोई इनसाइड स्टोरी शेयर कर सकें?
जबाव: अमर उजाला का बहुत बहुत शुक्रिया। ओलंपिक की जब बात आती है तो पूरा देश इकट्ठा हो जाता है। टोक्यो ओलंपिक मेरा पहला था। मैंने उस तरह का प्रेशर कभी नहीं झेला था। मैं बहुत ज्यादा नर्वस थी। मेंटल ट्रेनिंग योगा कर रही हूं। जो पिछली बार परेशानी हुई थी वो परेशानी इस बार न हो। उसकी पूरी तैयारी कर रही हूं। उम्मीद है कि इस बार आपकी आशाओं के साथ मैं तिरंगा लहरा सकूं।
2018 में मनु ने किया कमाल
मनु कभी कबड्डी के मैदान में उतरीं तो कभी कराटे में हाथ आजमाया। शूटिंग को प्राथमिक रूप से चुनने से पहले मनु ने स्केटिंग, मार्शल आर्ट्स, कराटे, कबड्डी सब खेला। 16 साल की उम्र में मनु ने 2018 में आईएसएसएफ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो स्वर्ण पदक जीते। उसी साल मनु ने राष्ट्रमंडल खेलों और यूथ ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। दोनों प्रतियोगिताओं में मनु ने स्वर्ण पदक हासिल किया।