बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के आवास पर हुई। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने अभी बैठक की है। अगले एक-दो दिनों में विपक्षी पार्टियों के साथ होने वाली बैठक की तारीख तय की जाएगी।
ललन सिंह ने कहा कि JD(U)अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आज हमारी बैठक में विपक्षी एकता के बारे में जो सहमति बनी हुई थी, उसपर विस्तार से चर्चा हुई। विपक्षी एकता के लिए सभी दलों की एक बैठक होगी, जिसके लिए जगह, समय और तिथि अगले 2-3 दिन में तय हो जाएगी।
नीतीश कुमार के साथ बैठक के बाद खरगे ने कहा कि आज की बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई। देश को नई दिशा देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने ट्वीट किया कि अब एकजुट होगा देश, ‘लोकतंत्र की मजबूती’ ही हमारा संदेश! राहुल गांधी और मैंने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के साथ वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा कर, देश को एक नई दिशा देने की प्रकिया को आगे बढ़ाया।
तेजस्वी यादव नहीं आए
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी बैठक में शामिल होना था। सूत्रों के अनुसार अस्वस्थ होने के चलते वह बैठक में शामिल नहीं हो सके। इससे पहले नीतीश कुमार ने 12 अप्रैल को भी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता को लेकर चर्चा की थी।
अध्यादेश मामले में कांग्रेस कर सकती है ‘आप’ का समर्थन
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस संसद में एक विधेयक का विरोध करने की संभावना है, जो दिल्ली के सेवा मामलों पर केंद्र सरकार के अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए पेश किया जाएगा। हाल ही में पार्टी ने केंद्र से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि नौकरशाहों का स्थानांतरण चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा था कि उनकी पार्टी ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। अध्यादेश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज भी हमारी यही राय है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही था। संविधान पीठ ने दिल्ली के मुद्दे पर विस्तृत फैसला दिया है और सरकार को उसका सम्मान करना चाहिए। इस बीच पार्टी के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस बिल का विरोध कर सकती है, जब सरकार इसे अध्यादेश को बदलने के लिए संसद में लाती है जो अनिवार्य रूप से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट देगा।
केजरीवाल से भी मिले थे नीतीश
इससे पहले नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आप सरकार को समर्थन देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री निवास पर हुई मुलाकात के दौरान केंद्र सरकार के रवैये समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ खड़े होने के लिए दोनों नेताओं का धन्यवाद दिया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष को एकजुट होकर केंद्र सरकार के इस तानाशाही अध्यादेश को संसद में हराना होगा। राज्यसभा में यह बिल पारित नहीं हुआ तो यह 2024 का सेमीफाइनल होगा और पूरे देश में संदेश जाएगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की सरकार जा रही है। वहीं, नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम करने से रोकने पर आश्चर्य जताया और पूरे देश में भाजपा के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही थी।