भारतीय जनता पार्टी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सबसे बड़ा चुनावी अभियान ‘मेरा बूथ-सबसे मजबूत’ का आगाज मध्य प्रदेश से करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को खुद बूथ समिति सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होंगे। पीएम कार्यकर्ताओं को बूथ जीतने की प्लानिंग के मंत्र देंगे। पीएम के इस दौरे से एक दिन पहले सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भोपाल पहुंच गए। दोनों नेताओं ने सभी लोकसभा सीटों से चयनित बूथ कार्यकर्ताओं से चर्चा भी की।
मध्यप्रदेश में होने जा रहे बूथ कैंपेन के आयोजन के पीछे सबसे बड़ी राजनीतिक वजह है आगामी माह में होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव। इन पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। पांचों राज्यों से लोकसभा की 85 सीटें आती हैं। वहीं, मध्यप्रदेश को भाजपा और संघ के सबसे मजबूत किले तौर पर जाना जाता है। पूरे देश में भाजपा की बूथ समितियों में 80 लाख सदस्य हैं, इनमें सबसे ज्यादा 40 लाख सदस्य अकेले मध्यप्रदेश से हैं।
मध्यप्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे के समय से भाजपा का संगठन सबसे ज्यादा मजबूत रहा है। मध्यप्रदेश को संघ और भाजपा की प्रयोगशाला के तौर पर भी जाना जाता है। यानी भाजपा के सभी प्रयोग और नवाचार मध्य प्रदेश में सफल होते रहे हैं। इसलिए पार्टी मध्यप्रदेश में यह बड़ा आयोजन करने जा रही है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जबकि छत्तीसगढ़-राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं। तेलंगाना में केसीआर की पार्टी सत्ता में है, मिजोरम में भाजपा के समर्थन से सरकार चल रही है। लोकसभा सीटों के हिसाब से सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में 29, राजस्थान में 25, तेलंगाना में 17, छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें हैं, जबकि मिजोरम लोकसभा की एक सीट है। इस तरह 543 लोकसभा सीटों के लिहाज से देखें तो इन राज्यों में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा सीटें हैं। इसी वजह से ये कहा जा रहा है कि इन विधानसभा चुनावों के नतीजे लोकसभा चुनाव पर बड़ा प्रभाव छोड़ेंगे।
भाजपा के यह प्रयोग रहे है पूरी तरह से सफल
- भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश से अपने बूथ विस्तार अभियान एक और दो के जरिए विस्तारित किया।
- अभियान के पहले चरण में बूथ समितियां गठित हुई। इसके बाद उनका डिजिटलाइजेशन हुआ।
- दूसरे चरण में अर्ध पन्ना प्रमुख और सभी पन्ना समितियों के गठन के बाद इसके लिए बूथ विजय संकल्प अभियान प्रारंभ किया।
- त्रिदेव प्रशिक्षण वर्ग हर मंडल में आयोजित किए। इसमें 1078 मंडल शामिल रहे। इसमें बूथ अध्यक्ष, बूथ महामंत्री और बीएलए इन तीनों को त्रिदेव का दर्जा देकर प्रशिक्षित किया गया।
- पन्ना समिति से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक हर कार्यकर्ता डिजिटलाइज हो चुका है।
- हर कार्यक्रम और उपस्थिति संगठन एप के माध्यम से डिजिटली रिपोर्ट होती है।
- इससे संगठनात्मक रिपोर्टिंग प्रमाणिकता से बढ़ी है और संगठनात्मक कार्यों के नए आयाम स्थापित हुए हैं।
- मन की बात कार्यक्रम का आयोजन के मामले में मध्य प्रदेश आगे रहता है। जिसे हर बूथ पर सुना जाता है। मप्र के 64,100 बूथों में से 90 फीसदी बूथ समितियां डिजिटलाइज हो चुकी है।
पीएम मोदी भी भोपाल में देख चुके है संगठन का कामकाज
पीएम मोदी भी भोपाल में संगठन की कमान संभाल चुके हैं। वे चुनाव में बूथ मैनेजमेंट पर जोर देते थे। भोपाल के भाजपा कार्यालय में रहते ही पीएम मोदी विधानसभा में बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से जाकर मिलते थे। इस संपर्क और संवाद के जरिए भाजपा बूथ मैनेजमेंट के बूते ही सत्ता के शिखर पर पहुंची है। पीएम मोदी ने सोमवार को एक ट्वीट किया। इसमें लिखा है कि भोपाल में आयोजित मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम हमारी सकारात्मक राजनीति को एक नया संकल्प और एक नई शक्ति प्रदान करने वाला है। यह दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए समर्पित भाजपा के लाखों ऊर्जावान कार्यकर्ताओं से संवाद का साक्षी बनेगा।
कारगर साबित हुआ बूथ पैटर्न
मध्य प्रदेश और गुजरात में बूथ पेटर्न सेट करने के बाद भाजपा लगातार सत्ता में आई। प्रदेश में अभी 64 हजार बूथ है। इनमें भाजपा ने चुनावी प्रबंधन के लिए बूथ प्रभारी से लेकर पन्ना प्रमुख तक नियुक्त कर दिए है। इन 64 हजार बूथ पर पीएम मोदी के संबोधन वाले दिन स्क्रीन लगाई जाएगी। इनमें बूथ के साथ ही लोगों को भी बूथ स्तर पर ही कार्यक्रम में जोड़ा जाएगा। मेरा बूथ सबसे मजबूत कैंपेन के साथ ही भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी अपने अभियान का शंखनाद कर देगी। पहली बार ऐसा प्लान बनाया गया है कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से बूथ विस्तारक चुने गए हैं। ये ट्रेंड विस्तारक देश भर में भाजपा के बूथ मैनेजमेंट में जुटेंगे भाजपा सभी 543 लोकसभा सीट पर अपने एक्सपर्ट भेजेगी।