Paris Olympics 2024: Anush Agarwalla Gets First Ever Paris Olympics Quota In Dressage For India Equestrian – Amar Ujala Hindi News Live
अनुष
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
हांगझोऊ एशियाई खेलों में ड्रेसेज का ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाले घुड़सवार अनुष अगरवाल्ला ने देश को घुड़सवारी में पहला पेरिस ओलंपिक का कोटा दिलाया है। देश को यह कोटा अनुष के अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी संघ की चार इवेंट में दिखाए गए प्रदर्शन की बदौलत मिला है।
ओलंपिक में खेलना अनुष का सपना
अनुष ने वारक्ला (पोलैंड) में 73.485 प्रतिशत, क्रोनेनबर्ग, नीदरलैंड में 74.4 प्रतिशत, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में 72.9 प्रतिशत, मिचलेन, बेल्जियम में 74.2 प्रतिशत अंक जुटाए। भारतीय घुड़सवारी संघ का कहना है कि यह कोटा देश के लिए है, आयोजकों को घुड़सवार का नाम भेजने के लिए ट्रायल कराए जाएंगे। 24 वर्षीय अनुष ने कहा कि ओलंपिक में खेलना उनका बचपन का सपना है, वह देश के लिए इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए गौरवान्वित महसूस करेंगे। टोक्यो ओलंपिक में फवाद मिर्जा खेले थे।
अनुष को इस बात की है उम्मीद
अनुष ने कहा, ‘पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के लिए कोटा हासिल करने में सफल होने पर मुझे बहुत गर्व और आभारी हूं। ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करना हमेशा से मेरे लिए बचपन का सपना रहा है और मुझे देश के लिए इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने पर गर्व है। मैं वही करता रहूंगा जो मैं हमेशा से करता आया हूं। हमेशा खुद को लक्ष्य पर केंद्रित करना, अनुशासित रहना, कड़ी मेहनत करना, लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करना। मुझे विश्वास है कि मुझे इस प्रतिष्ठित मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाएगा।’
जयवीर सिंह ने भी दी बधाई
युवा राइडर को उम्मीद थी कि वह कोटा बरकरार रखने में सफल रहेंगे। भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) महासचिव कर्नल जयवीर सिंह ने भी अनुष को बधाई दी है। जयवीर ने कहा, ‘हमें ड्रेसेज इवेंट में व्यक्तिगत कोटा के आवंटन के बारे में ईएफआई से पुष्टि मिल गई है। यह गर्व की बात है कि ईएफआई इवेंट में अनुष के लगातार प्रदर्शन के कारण भारत को कोटा मिला है। ईएफआई स्पर्धाओं में और यह बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं है कि घुड़सवारी स्पर्धाओं में भारत को एक बार फिर ओलंपिक में प्रतिनिधित्व मिलेगा।
अब तक तीन लोगों ने प्रतिनिधित्व किया
मशहूर फवाद मिर्जा ने 2020 टोक्यो खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और उनसे पहले केवल इम्तियाज अनीस (2000), इंद्रजीत लांबा (1996) और दरिया सिंह (1980) ही सबसे बड़े खेल मंच पर प्रतिस्पर्धा कर सके थे।