Asha@90:आशा भोसले ने खुद को बताया आखिरी मुगल, 90वें जन्मदिन का शानदार जश्न मनाने की तैयारी – Asha @ 90 Live In Concert Dubai On Asha Bhosle Birthday Singer Talks About Her Songs And Music Industry

90वां जन्मदिन पर दुबई में होने जा रहे संगीत आयोजन को लेकर आशा भोसले कहती हैं, ’अपना 90वां जन्मदिन मनाने और एक दशक बाद मंच पर वापसी की तैयारी करते हुए मैं बेहद आनंदित हूं और इस शानदार आयोजन के लिए कार्यक्रम के आयोजक का शुक्रिया अदा करती हूं। संगीत मेरी जीवन रेखा है और अपने प्रिय प्रशंसकों के साथ अपने सुरीले गीतों को साझा करने का यह अवसर एक बार फिर भावनात्मक एवं यादगार होने जा रहा है। मिलजुल कर कुछ और जादुई यादों को रचने और संगीत की शक्ति का आनंद लेने के इस अवसर के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं।’
लेजेंडरी गायिका आशा भोसले ने अब तक सब भाषाओं में मिलाकर 12,000 गाने गाए हैं। आशा भोसले ने कहा, ‘12000 गीतों को गाने में कितना समय लगा होगा। घर बच्चों को संभालते हुए मैंने कैसे इतने गाए हैं, मुझे सब याद हैं। मुझे सब बातें याद आती हैं। इंडस्ट्री का इतिहास सिर्फ मुझे पता है। बहुत सारे लोग तो मेरे सामने ही पैदा हुए हैं। मैं संगीत की दुनिया की आखिरी मुगल हूं। पिता जी से गाना बचपन में सुना, तभी से गा रही हूं। सोचा नहीं था कि एक दिन प्लेबैक सिंगर बनूंगी। लेकिन जिंदगी में कुछ ऐसा मोड़ आया कि मैं प्लेबैक सिंगर बन गई।’
उम्र के इस पड़ाव पर भी आशा भोसले ने कभी रियाज करना नहीं छोड़ा। वह कहती हैं, ‘आप जो भी कर रहे हैं, उसका अभ्यास करना बहुत जरूरी है। अगर मैं सुबह सात बजे उठती हूं, तो नौ बजे तक रियाज करती हूं। अगर कभी सुबह पांच बजे भी उठ गई तब भी रियाज पर बैठ जाती हूं। कभी -कभी रात को नींद नहीं आती तो रात के दो बजे भी तानपुरा लेकर बैठ जाती हूं। आप जिस किसी भी क्षेत्र में हो उसमे खुद को समर्पित करना पड़ता है, तभी आपको सफलता मिलती है।’
आज की युवा पीढ़ी के बारे में आशा भोसले ने कहा, ‘आप जिस काबिल हैं। वह काम करें, लेकिन पहले खुद को परख लें कि जीवन में आपको क्या बनना है ? काम कोई भी हो उसमे मेहनत बहुत जरूरी है। काम क्या है, यह मत सोचो। जो आपको पसंद हैं, उसमे खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दो।’ आज के गीत संगीत के बारे में आशा भोसले ने कहा, ‘पहले जमाने में किसी के भी फोन नंबर याद रहते थे,लेकिन आज नंबर देखने के लिए मोबाइल फोन देखना पड़ता है। ठीक उसी तरह से पुराने जमाने के गाने ही याद रहते थे और आज के गाने दो दिन में भूल जाते हैं।’