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Odisha Train Accident:ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद फिर रेल सेफ्टी पर बढ़ेगा फोकस, 10 पॉइंट्स में समझें पूरी बात – Odisha Train Accident News Updates Modi Government Focus Shift From New Trains To Safety Know 10 Points

ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे में 288 लोगों की मौत के बाद रेल सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में रेलवे का कायाकल्प करने की तैयारी चल रही है, जिसके तहत नई ट्रेनें और आधुनिक स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है लेकिन ओडिशा हादसे के बाद माना जा रहा है कि फिर से रेल सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा जा सकता है। इस पूरे मामले को 10 पॉइंट में समझा जा सकता है। 

1. मीडिया रिपोर्ट्स में कई विशेषज्ञों के बयान चल रहे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि हाल के सालों में रेल सुरक्षा काफी बेहतर हुई है लेकिन अभी इस दिशा में और बहुत कुछ किया जाना बाकी है। ओडिशा हादसा, रेलवे को पूरी तरह से बदलने की सरकार की योजना के लिए बड़ा झटका है। 

2. पूर्वी तट के जिस रूट पर यह ट्रेन हादसा हुआ, वह देश का सबसे पुराना और सबसे व्यस्त रूट है। कोयले और तेल की ढुलाई के लिए मालगाड़ियों का भी इस रूट पर काफी संचालन होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रैक काफी पुराने हो गए हैं और उन पर काफी दबाव भी है अगर मरम्मत का काम  सही ढंग से नहीं होगा तो इस तरह के हादसों का डर बना रहेगा। 

3. विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय रेलवे में रेल सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं लेकिन उन्हें लागू करने की रफ्तार बहुत धीमी है। ओडिशा हादसे के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस काम में तेजी आएगी। 

4. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को अप मेनलाइन का सिग्नल दिया गया और उतार दिया गया। इससे ट्रेन लूप लाइन में घुस गई और मालगाड़ी से टकरा गई। इससे कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां मेन ट्रैक पर गिरीं और दूसरी तरफ से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, ट्रैक पर पड़ी बोगियों से टकरा गई। इससे साफ है कि यह हादसा कहीं ना कहीं सुरक्षा में चूक से जुड़ा है। 

5. वहीं रेल मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि अब रेल सुरक्षा की बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि ये हादसा हो गया है लेकिन अगर डाटा देखें तो उससे साफ हो जाएगा कि हाल के सालों में कोई बड़ा रेल हादसा नहीं हुआ है। 

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6. रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा हमेशा से हमारी पहली प्राथमिकता रही है। आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 20121-22 में  ट्रेन हादसे प्रति मिलियन किलोमीटर घटकर 0.03 रह गए हैं। वहीं 2013-14 में यह आंकड़ा 0.10 था। 

7. सरकार ने भी साल 2017-18 में रेल सुरक्षा के लिए एक ट्रिलियन रुपए का फंड बनाया था, जिसे 2022-23 में अगले पांच सालों के लिए बढ़ा दिया गया था। साथ ही 450 बिलियन रुपए का अतिरिक्त फंड दिया गया था। 

8. शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में हुआ ट्रेन हादसा देश का तीसरा सबसे बड़ा रेल हादसा है। इससे पहले साल 1995 में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में भीषण रेल हादसा हुआ था, जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।  

9. रेल विशेषज्ञों का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला सिग्नल फेल से जु़ड़ा हो सकता है। सिग्नल फेल होने की वजह से ही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। 

10. भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। एक करोड़ 30 लाख लोग रोजाना रेल में सफर करते हैं और साल 2022 में ही करीब डेढ़ बिलियन टन माल की ढुलाई हुई। 

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