मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही वायरल हुए एक वीडियो के मामले में गृहमंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। मामले का संज्ञान लेने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है। साथ ही केंद्र भी सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में हलफनामा दाखिल करेगी। इसमें वह वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा।
इस बीच, सरकारी सूत्रों के हवाले से यह भी सामने आया है कि जिस मोबाइल से वह वायरल वीडियो शूट किया गया था। उसे भी बरामद कर लिया गया है। साथ ही वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकारी सूत्रों ने यह भी बताया है कि केंद्र सरकार ने केंद्र ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई है।
बता दें कि, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में हुई। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, चार मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में कई संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में जबरदस्ती घुस आए। इनके पास एके राइफल्स, एसएल.आर इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।
इसके अलावा पांच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नॉनपाक सेकमाई पुलिस टीम द्वारा बचाया गया और वे नोंगनोक सेकमाई थाने के रास्ते में थे। इस बीच उन्हें रास्ते में एक भीड़ ने रोक दिया और नोंगपोक सेकमाई थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर और 33 एआर सोमरेई चौकी से लगभग तीन किलोमीटर दूर भीड़ ने उन्हें पुलिस टीम की सुरक्षा से छीन लिया। इसके अलावा एक 56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या कर दी गई।
प्रधान ने बताया कि इसी दौरान भीड़ द्वारा तीन महिलाओं को उनके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। घटना से जुड़े वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं, जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं। हैवानियत यहीं सीमित नहीं रही, एक 21 साल की लड़की का दिन दहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जब 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन की अस्मिता और जान बचाने की कोशिश की, तो भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। हालांकि, पीड़िता कुछ लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।
घटना में आरोपियों पर केस किन धाराओं में दर्ज हुआ?
पहले 18 मई को जीरो एफआईआर और फिर घटना के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। मामला आईपीसी की धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376 और 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा दर्ज इस एफआईआर में भीड़ में शामिल करीब 1,000 लोगों पर कई आरोप लगाए गए हैं। इसमें विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, घातक हथियार के साथ डकैती करना, आग लगाना, घर में जबरन घुसना, हत्या के लिए अपहरण करना, क्षति पहुंचाना, दुष्कर्म, हमला, गंभीर चोट पहुंचाना और आग्नेयास्त्र का उपयोग करके एक इरादे से हत्या करना।
मामले हुआ ये एक्शन
इस घटना को लेकर जीरो एफआईआर कांगपोकपी जिले की सैकुल पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। बाद में इसे थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन को रेफर कर दिया गया। यहां मामला दर्ज होने के करीब एक महीने बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा था कि मणिपुर पुलिस ने कार्रवाई कर पहली गिरफ्तारी की है। मुख्य अपराधी को आज सुबह एक पुलिस ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान 32 वर्षीय हुइरेम हेरोदास मैतेई के रूप हुई है जो पेची अवांग लीकाई का रहने वाला है।