मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों पर ड्रोन और हेलिकॉप्टरों के जरिये कड़ी नजर रखी जा रही है। फिलहाल किसी तरह की हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई है। इसे देखते हुए सभी 11 जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। यह जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। इससे स्पष्ट है कि राज्य की स्थिति में सुधार हो रहा है। इसलिए आज सुबह 5 बजे से चार घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है। अन्य नौ प्रभावित जिलों में भी इसी तरह की छूट दी जा रही है।
वहीं, सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य में पिछले कुछ दिनों से जारी जातीय हिंसा में 60 लोग मारे गए, जबकि 231 घायल हुए और धार्मिक स्थलों सहित 1,700 घर जल गए।
क्या है मामला?
गौरतलब है, मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) की ओर से बीते बुधवार को आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। हिंसा धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गई थी। नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर हाईकोर्ट के 27 मार्च के फैसले का बाद बुलाया गया था, जिसमें राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के निर्देश दिए गए थे।
भाजपा विधायक ने दायर की थी याचिका
मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जे पर मणिपुर हाईकोर्ट की ओर से दिए गए विभिन्न आदेशों को चुनौती देते हुए भाजपा विधायक और पहाड़ी क्षेत्र समिति (एचएसी) के अध्यक्ष डिंगांगलुंग गंगमेई ने अपील दायर की थी। इसमें मेइती को एसटी दर्जे पर मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती दी गई है। इसमें कोर्ट के आदेश की आलोचना पर अवमानना नोटिस जारी करना भी शामिल है।
पीड़ितों को मिलेगी राहत राशि
सोमवार शाम मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख और मामूली चोट वाले लोगों को 25,000 रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हैं। मैं लोगों से जल्द से जल्द शांति लाने की अपील करता हूं। सीएम ने कहा कि हिंसा में मंदिरों और चर्चों सहित 1,700 घर जल गए हैं। जिन लोगों के घर नष्ट हुए हैं उन्हें दो लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा और राज्य सरकार उनका पुनर्निर्माण करेगी।
उन्होंने आगे बताया कि राहत शिविरों में फंसे 20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। बाकी 10,000 फंसे हुए लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा। सीएम ने कहा कि सुरक्षा बल के जवानों से 1,041 बंदूकें लूटी गईं, जिनमें से 214 को बरामद कर लिया गया है।