Manipur:’बदलती जनसांख्यिकी के बीच हाईकोर्ट के फैसले ने आग में घी डाला’, अमित शाह ने बताया मणिपुर हिंसा का सच – Home Minister Amit Shah Said- Violence In Manipur Shameful; It Is Even More Shameful To Do Politics On It
मणिपुर पर बोले अमित शाह
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केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए मणिपुर हिंसा पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह सच है कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ। हिंसक घटनाएं हुईं। वहां जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। यह भ्रांति देश की जनता के सामने फैलाई गई है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सत्र आहूत होने से पहले मैंने पत्र लिखकर मणिपुर पर चर्चा के लिए कहा था। पहले दिन से मैं यह बात कह रहा हूं। मेरी बात सुनते। अगर मेरी बात से संतुष्ट नहीं होते तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगते। आप देश के गृह मंत्री को मणिपुर मामले पर बोलने नहीं देते, यह किस तरह का लोकतंत्र है।
भाजपा शासन के छह साल में मणिपुर में एक भी दिन हिंसा नहीं हुई
छह साल तक मणिपुर में एक दिन भी हिंसा नहीं हुई। कर्फ्यू नहीं हुआ। उग्रवादी घटनाएं नहीं हुई। हमारी छह साल का यह अनुभव रहा। इसके बाद म्यांमार में मिलिट्री शासन हुआ। इसके बाद वहां कुकी समुदाय पर शिकंजा कसा जाने लगा। फिर वहां से भारी संख्या में मिजोरम और मणिपुर में कुकी आदिवासी लोग आने लगे। वे जंगल में बसने लगे। इसके बाद मणिपुर के बाकी हिस्सों में असुरक्षा की भावना ने जन्म लिया। इसके बाद हमने इसे समझा और बॉर्डर को बंद करने का काम किया। हमने किलोमीटर बॉर्डर की फेंसिंग कर दी है। 600 किलोमीटर का सर्वे जारी है। यह काम कांग्रेस ने कभी नहीं किया। हमने किया।
गृह मंत्री ने बताया मणिपुर में कैसे शुरू हुई हिंसा?
हमने बाहर से लोगों की पहचान काम किया। मैं बताना चाहता हूं कि 2022 में बॉर्डर की फेंसिंग शुरू की थी। इसके बाद हमने जनवरी 2023 से लोगों के थंब इंप्रेशन लेना शुरू किया। इसके बाद जहां कुकी लोग रह रहे थे, उसे अस्थायी जंगल गांव घोषित किया गया। इससे पहले से व्याप्त असुरक्षा की भावना और बढ़ गई। इसमें घी का काम किया हाईकोर्ट के फैसले ने। इसमें कहा गया कि मैतेई को ट्राइबल घोषित कर दिया जाए।