Karnataka:शिवकुमार की जीत सबसे बड़ी, इन्हें महज 105 मतों से झेलनी पड़ी हार; आंकड़ों में देखें हार-जीत का गणित – Know About Candidates Who Won With Biggest Margin And The Smallest Margin In Karnataka Election 2023
कर्नाटक विधानसभा चुनाव।
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। कांग्रेस को यहां स्पष्ट बहुमत मिला है। कांग्रेस ने यहां की 136 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी को 65 सीटों पर जीत मिली है। बात अगर जेडीएस की करें तो उसे 19 सीटें मिली है। साथ ही चार सीटें अन्य के खाते में गई हैं। 16 सीटें ऐसी हैं जिन पर जीत का अंतर पचास हजार या उससे ज्यादा है। वहीं, कर्नाटक में सबसे बड़ी जीत कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने दर्ज की है। वहीं बात अगर सबसे छोटी जीत की करें तो यह गांधी नगर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गुंडू राव के नाम रही। उन्होंने मात्र 105 मतों से सीट अपने नाम की। हम आपको कर्नाटक की पांच सबसे बड़ी और सबसे छोटी अंतर वाली जीत के बारे में बता रहे हैं।
सबसे बड़े अंतर से इन सीटों पर हुई जीत-हार
कर्नाटक में आए नतीजों के बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। सबसे बड़े अंतर से जीत हार की बात करें तो राज्य की 16 सीटें ऐसी हैं जिन पर जीत का अंतर पचास हजार या उससे ज्यादा रहा। इनमें 11 सीटों पर कांग्रेस और पाांच पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। साथ ही बड़ी जीत हासिल करने वाले कांग्रेस के उम्मीदवारों में लक्ष्मण साउदी भी शामिल हैं, जिनका टिकट भाजपा ने इस बार काट दिया था।
विधानसभा सीट | विजयी प्रत्याशी | पार्टी | जीत का अंतर | इन्हें हराया | पार्टी |
कनकपुरा | डीके शिवकुमार | कांग्रेस | 1,22,392 | के बी. नागराजू | जेडीएस |
चिक्कोडी-सगाल्दा | गणेश प्रकाश | कांग्रेस | 78,509 | कट्टी रमेश विश्वनाथ | भाजपा |
अठानी | लक्ष्मण सांगप्पा | कांग्रेस | 76,122 | महेश इरेगौड़ा कुमाथल्ली | भाजपा |
येलहांका | एसआर विश्वनाथ | भाजपा | 64,110 | केशव रजन्ना बी | कांग्रेस |
कोलेगल | ए.आर कृष्णमूर्ति | कांग्रेस | 59,519 | एन. महेश | भाजपा |
पांच सबसे कम अंतर वाली सीटें
वहीं बात अगर कर्नाटक की सबसे छोटी जीत की करें तो यह भी कांग्रेस के ही खाते में आई है। गांधीनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश गुंडू राव ने मात्र 105 मतों से जीत दर्ज की। राज्य में आठ सीटें ऐसी हैं जहां जीत का अंतर एक हजार मतों से भी कम रहा। इन आठ सीटों में से छह सीटें कांग्रेस के नाम रही और दो पर भाजपा उम्मीदवारों ने बाजी मारी।