Karnataka:कर्नाटक की 100 सीटों पर वोक्कालिगा का प्रभाव, जानें इनके वोट के लिए राजनीतिक पार्टियों की प्लानिंग? – Parties Vie For Vokkaliga Vote That’s Key In Nearly 100 Assembly Constituencies In K’taka
एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जद (एस) वोक्कालिगा को पुराने मैसूर क्षेत्र में अपने मुख्य वोट आधार के रूप में गिनाती है। यहां मुख्य लड़ाई कांग्रेस के साथ होती है। हालांकि हाल ही में भाजपा कुछ हद तक बढ़त बनाने में सफल रही है। जाहिर तौर पर, इस समुदाय के बीच अपना आधार बढ़ाने की कोशिश में भाजपा है।
हाल ही में वोक्कालिगाओं के लिए आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गया है। इस कदम ने वोक्कालिगा समुदाय के श्रद्धेय द्रष्टा, आदिचुंचनगिरी मठ के पुजारी स्वामी निर्मलानंदनाथ को प्रसन्न किया, जिन्होंने भाजपा सरकार की प्रशंसा की। यही नहीं, भाजपा ने बेंगलुरू के संस्थापक और विजयनगर राजवंश के 16 वीं शताब्दी के प्रमुख नाडा प्रभु केम्पे गौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण भी कराया, जो बेंगलुरू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास है। इससे भी वोक्कालिगा वोटर्स काफी खुश नजर आ रहे हैं।
हाल ही में, कर्नाटक के मंत्री मुनिरत्न, जो एक फिल्म निर्माता भी हैं, एक लोककथा पर आधारित फिल्म ‘उरी गौड़ा-नंजे गौड़ा’ बनाने की योजना के साथ आए। लोककथा लोगों के एक वर्ग के बीच एक विश्वास पर आधारित है कि उरी गौड़ा और नानजे गौड़ा के नाम से पूर्व मैसूरु साम्राज्य में दो वोक्कालिगा सरदार थे।
यह औपनिवेशिक ब्रिटिश सेना नहीं थी बल्कि ये दो सरदार थे जिन्होंने 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की हत्या की थी, इस दावे का कुछ भाजपा मंत्रियों ने भी समर्थन किया था। हालांकि, मुनिरत्ना ने योजना को तब छोड़ दिया जब स्वामी निर्मलानंदनाथ ने उन्हें यह कहते हुए परियोजना को आगे नहीं बढ़ाने के लिए कहा कि कहानी के पीछे कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है और यह केवल लोगों में भ्रम पैदा करेगा।
वोक्कालिगा संघ के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए पीटीआई को बताया कि अगर फिल्म बनती तो इससे भाजपा को अधिक वोट हासिल करने में मदद मिलती। उन्होंने कहा, “‘उरी गौड़ा नानजे गौड़ा’ परियोजना भले ही डंप हो गई हो, लेकिन वोक्कालिगाओं के बीच अभी भी इस पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा, आरक्षण में वृद्धि का चुनाव पर भी असर पड़ेगा।’