शक्ति पूजा हमारी सनातन संस्कृति एवं परंपरा का अहम हिस्सा है, पुरी जिले के समंग पंचायत के रेबती रमण गांव में आयोजित यह दण्ड और झामू यात्रा इसी प्राचीन परंपरा का प्रतीक है।
इस तीर्थयात्रा में अग्नि पर चलकर मां की पूजा-अर्चना एवं आशीर्वाद प्राप्त कर, खुद को धन्य अनुभव कर रहा हूँ।… pic.twitter.com/oTciqW61Gj
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 11, 2023
भक्त बनकर अंगारों पर चले संबित पात्रा
पुरी में आयोजित देवी पूजा के दौरान जहां एक तरफ भक्त अंगारों में चल रहे थे, वहीं संबित पात्रा को देखकर गांववाले चौंक गए। पात्रा वहां पहुंचकर एक भक्त की तरह कोयले के अंगारो पर नंगे पांव चले। इसके बाद उन्होंने गांव और गांववालों के लिए पूजा-अर्चना कर सलामती के लिए आशीर्वाद मांगा। इसके बाद भाजपा के प्रवक्ता ने मां झड़ेश्वरी के भी दर्शन किए।
क्या है झामू जात्रा
झामू जात्रा बैशाख महीने में मनाया जाता है। इस दिन भक्त अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए देवी मां की पूजा अर्चना करते हैं। इतना ही नहीं देवी मां को खुश करने के लिए भक्त कोयले की अंगारों पर भी चलते हैं। झामू जात्रा पाणा संक्रांति के दिन खत्म होता है।
पाणा संक्रांति उड़िया लोगों का नव वर्ष है। यह त्योहार शिव और हनुमान मंदिरों के दर्शन के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग तीर्थस्थलों में नहाते हैं और विभिन्न पारंपरिक कला या नृत्य में भाग लेते हैं। पाणा संक्रांति के दिन एक विशेष पेय का आयोजन होता है जो कि आम-दूध-दही-नारियल से बना होता है। इसे पाना कहा जाता है, जो कि इस त्योहार के नाम का स्त्रोत है।