Icmr:वैज्ञानिक साक्ष्य जानकर छात्रों की आत्महत्या रोकेगा आईसीएमआर, यूनिवर्सल पैकेज किया तैयार – Icmr Will Prevent Suicide Of Students After Knowing Scientific Evidence
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युवा पीढ़ी को आत्महत्या से बचाने के लिए नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आईसीएमआर) ने छात्रों में आत्महत्या की रोकथाम के लिए साक्ष्य आधारित हस्तक्षेपों को बढ़ावा देगा। अध्ययन के जरिये आईसीएमआर उन उपायों को तलाशेगा, जिनके जरिये आत्महत्या की रोकथाम संभव होगी।
दुनिया में कहीं न कहीं हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। आईसीएमआर के अनुसार, 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं में आत्महत्या विश्वस्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। भारत में 2021 में एक लाख की आबादी पर 12 लोगों ने आत्महत्या की। इन घटनाओं में बीते वर्षों की तुलना में करीब 6.2% की वृद्धि हुई है। बीते साल नवंबर 2022 में सरकार ने राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति को लागू करते हुए 2030 तक आत्महत्या मृत्यु दर को 10% तक कम करने का लक्ष्य रखा है जो अभी 15 फीसदी से भी ज्यादा है।
आत्महत्या की रोकथाम को लेकर आईसीएमआर बहुस्तरीय योजना में जुटा है। इनका मानना है कि आत्महत्या की रोकथाम को लेकर वैज्ञानिक यानी साक्ष्य आधारित हस्तक्षेप पर आधारित ढांचे का देश में काफी हद तक अभाव है। स्कूल और कॉलेजों में इन्हीं नीतियों के जरिये आत्महत्या को लेकर छात्रों के बीच बातचीत करने की जरूरत है। यह जिम्मेदारी आईसीएमआर ने लेते हुए बहुस्तरीय कार्यान्वयन अनुसंधान अध्ययन की योजना बनाई है, जिसके लिए जल्द ही शोधकर्ताओं को अनुसंधान दल में शामिल किया जाएगा।