Honey Trap:हनी ट्रैप का पाकिस्तानी ‘इंद्रजाल’ तैयार कर रही ‘यूनिट 412’, जानें कैसे शुरू होता है फंसाने का खेल – Pakistan Prepared A New Strategy Of Honey Trap To Break Into The Intelligence Fields Of Drdo Scientists
Honey Trap
– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों, सैन्य अधिकारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की खुफिया फाइलों में सेंध लगाने के लिए पाकिस्तान ने अब हनी ट्रैप का नया ‘इंद्रजाल’ तैयार किया है। खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ ने इसके लिए एक खास यूनिट ‘412’ खड़ी की है। इस यूनिट में पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों से सुंदर लड़कियों को भर्ती किया जाता है। इन लड़कियों को जिन कमरों में ठहराया जाता है, वहां ‘हिंदुओं’ के रीति रिवाज और परंपराओं की झलक दिखाई पड़ती है। कमरे की दीवारों पर हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें और छोटे से मंदिर में रखी मूर्तियों की रंगीन थीम नजर आती है। यहीं से ‘हनी ट्रैप’ का खेल शुरू होता है। मकसद, भारतीय वैज्ञानिकों, आर्मी अफसरों, केंद्रीय बलों के कर्मी और दूसरे मंत्रालयों के अधिकारियों को जब टारगेट किया जाए, तो उन्हें शक न हो कि उनके साथ किसी दूसरे मुल्क से कोई व्यक्ति बात कर रहा है। कमरे के माहौल से यह नजर आता है कि वह भारत के ही किसी प्रांत से बोल रहा है। यह भी दिखाने का प्रयास होता है कि वह ‘हिंदू’ है।
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सोशल मीडिया का होता है इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी आईएसआई के ऑपरेटिव, वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल और डार्कनेट जैसी संचार तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इस तकनीक के जरिए जब वे किसी व्यक्ति के साथ सोशल मीडिया पर जुड़ते हैं, तो उसे यह नहीं मालूम होता कि वह व्यक्ति कहां से बोल रहा है। इस स्थिति से पहले पाकिस्तानी ऑपरेटिव लड़कियां, सोशल मीडिया पर भारतीय वैज्ञानिकों और सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाती हैं। इसके लिए कई तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। वे लड़कियां खुद को शोधकर्ता, फेलोशिप पर काम करने वाली और किसी खास विषय पर लेखनी चलाने वाले के तौर पर पेश करती हैं। अगर उनके बीच नियमित बातचीत का माहौल बनता है, तो वे वीडियो कॉल करने लगती हैं। वीडियो कॉल में उनका खूबसूरत लिबास नजर आता है। उनके पीछे का बैंकग्राउंड ऐसा नजर आता है कि वह लड़की ‘हिंदू’ है। कमरे की दीवारों पर हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें होती हैं। कमरे में एक छोटा सा मंदिर भी होता है। पर्दों का रंग और दूसरी वस्तुएं भी ऐसी ही दिखती हैं, जैसे वह भारत की ही कोई जगह है। लड़कियों की वेशभूषा पूरी तरह से भारतीय होती है। ये लड़कियां, हिंदी बोलने में निपुण होने के अलावा दूसरी भारतीय भाषाएं बोलने में भी पारंगत होती हैं।