Film Piracy:फिल्म पायरेसी पर रोकथाम के लिए सरकार ने उठाया कड़ा कदम, जुर्माने के साथ होगी तीन साल की सजा – Centre Proposes Maximum Three Years Of Jail And Steep Fines For Film Piracy Know In Detail
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर।
– फोटो : ANI
विस्तार
आजकल फिल्मों का लीक होना और शूटिंग के दौरान ही फिल्मों के सेट से तस्वीरें वायरल होने की घटनाएं होती रहती हैं। ज्यादातर सभी फिल्में रिलीज के चंद घंटों बाद ही पायरेसी वेबसाइट्स पर लीक हो जाती हैं, जिसका सीधा असर फिल्म की कमाई पर होता है। इसके कारण फिल्म निर्माताओं को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में अब सरकार ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक जारी किया है। इसमें फिल्मों की पायरेटेड कॉपी बनाने वाले व्यक्तियों के लिए अधिकतम तीन साल की जेल की सजा और फिल्म के बजट का पांच प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया गया है।
आज पब्लिक में रिलीज किया गया विधेयक
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा बीते दिन राज्यसभा में एक सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक-2023 भी पेश किया गया। पेश किए गए इस विधेयक में 10 साल की वैधता अवधि को खत्म करके स्थायी वैधता वाली फिल्मों को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमाण पत्र देने का भी प्रस्ताव रखा है। यह विधेयक आज यानी 21 जुलाई को पब्लिक में रिलीज किया गया।
संशोधित विधेयक में क्या है?
अनुराग ठाकुर ने बीते दिन राज्यसभा में संशोधित विधेयक पेश करने से पहले सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक-2019 वापस ले लिया था। प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य ‘यूए’ श्रेणी में आयु-आधारित प्रमाणीकरण को तीन श्रेणियों, ‘यूए 7+’, ‘यूए 13+’ और ‘यूए 16+’ में पेश करना है। इतना ही नहीं सीबीएफसी को फिल्म को टेलीविजन या अन्य मीडिया पर रिलीज करने के लिए एक अलग प्रमाणपत्र के साथ मंजूरी देने का अधिकार देना है। फिल्म चोरी पर रोकथाम करने के लिए, विधेयक में सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में नई धाराएं शामिल करने का प्रावधान है, जिसमें फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग (धारा 6एए) और उनके प्रदर्शन (धारा 6एबी) पर रोक लगाने का प्रावधान है।
यह होगी सजा
विधेयक में नया प्रावधान है 6एए एक ही डिवाइस में रिकॉर्डिंग का उपयोग करने के एकमात्र उद्देश्य से किसी फिल्म या उसके किसी हिस्से की रिकॉर्डिंग पर भी प्रतिबंध लगाता है। विधेयक में कहा गया है, ‘यदि कोई व्यक्ति धारा 6एए या धारा 6एबी के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो उसे जेल की सजा होगी, जो तीन महीने से कम नहीं होगी। लेकिन यह सजा तीन साल तक बढ़ सकती है और जुर्माना तीन लाख रुपये से कम नहीं होगा, लेकिन ऑडिट की गई सकल उत्पादन लागत के पांच प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।’