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Endured Pain But Brother’s Courage Made Chirag Sen A Winner, Became National Champion With Help Of Painkillers – Amar Ujala Hindi News Live

Endured pain but brother's courage made Chirag Sen a winner, became national champion with help of painkillers

चिराग सेन
– फोटो : सोशल मीडिया

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छोटे भाई लक्ष्य सेन के साथ 12 वर्ष पहले चिराग सेन अल्मोड़ा से प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी गए तो प्रकाश और कोच विमल कुमार उनसे बेहद प्रभावित हुए, लेकिन चिराग का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण अच्छा नहीं रहा। वहीं लक्ष्य का प्रदर्शन शानदार रहा। चिराग का आत्मविश्वास डगमगा गया। इस साल उन्होंने ध्रुव रावत के साथ युगल में खेलने का फैसला किया। युगल में मिले अच्छे परिणाम ने उनका आत्मविश्वास फिर जगा दिया, जिसका नतीजा उन्होंने वर्ष के अंत में राष्ट्रीय चैंपियन बनकर दिया है। लगातार 8 टूर्नामेंट खेलने के चलते चैंपियनशिप के दौरान चिराग कंधे के दर्द से जूझ रहे थे। दर्दनिवारक दवाएं लेकर वह खेले। लक्ष्य ने भाई का हौसला बढ़ाने के लिए अपनी फ्लाइट रद्द कर दी।

ऊंची रैंक के शटलरों को हराया

चिराग गुवाहाटी में समाप्त हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ऊंची रैंक के किरन जॉर्ज और फाइनल में तरुण एम जैसे शटलर को हराकर विजय हासिल की। उनके भाई लक्ष्य सर्वोच्च वरीय के रूप में इस टूर्नामेंट में खेल रहे थे, लेकिन उन्हें क्वार्टर फाइनल में हार मिली। लक्ष्य को वापस बंगलूरू जाना था, लेकिन बड़े भाई चिराग को उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचते देखा तो उन्होंने अपनी फ्लाइट रद्द कर दी। सेमीफाइनल और फाइनल में लक्ष्य और उनके पिता कोच डीके सेन दोनों चिराग के पीछे बैठे। चिराग बताते हैं कि दोनों का साथ होने से उनका मनोबल बढ़ा और उन्होंने खिताब जीत लिया।

पिता को समर्पित किया खिताब

25 वर्षीय चिराग बताते हैं जब दोनों भाईयों ने अल्मोड़ा में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था तो उनके पिता ने उस दौरान उनसे कहा था कि एक दिन उन्हें राष्ट्रीय चैंपियन बनना है। लक्ष्य दो बार फाइनल में पहुंचे, लेकिन खिताबी भिड़ंत में हार गए। पिता तो यह बात भूल गए, लेकिन चिराग के दिमाग में यह बात बैठी हुई थी। यहां चिराग ने चैंपियन बनकर खिताब पिता को समर्पित कर दिया।

लक्ष्य को कराएंगे ओलंपिक की तैयारियां

2020 में केन्या इंटरनेशनल चैलेंज का खिताब जीतने वाले चिराग बताते हैं कि उन्होंने इस माह ओडिशा सुपर 100 में शीर्ष 50 में डेनमार्क के मैट क्रिस्टोफर को हराया। इससे उन्हें काफी आत्मविश्वास मिला। अब वह लक्ष्य को ओलंपिक की तैयारियां कराने के लिए उनके अभ्यास के जोड़ीदार की भूमिका निभाएंगे। वह उनके साथ इंडोनेशिया सुपर 1000, इंडिया ओपन 750 और थाईलैंड सुपर 500 टूर्नामेंट में साथ रहेंगे।

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