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Chandigarh Samvad:गुल पनाग ने महिलाओं के अधिकार पर की खुलकर बात, बोलीं- चर्चा से ही निकलेगा समाधान – Chandigarh Samvad Gul Panag Spoke Openly On Womens Right Said Solution Will Emerge Only Through Discussion

Chandigarh Samvad Gul Panag spoke openly on womens right said  solution will emerge only through discussion

गुल पनाग
– फोटो : अमर उजाला

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चंडीगढ़ निवासी और मशहूर अभिनेत्री गुल पनाग अमर उजाला संवाद का हिस्सा बनीं। अभिनेत्री ने अपने संघर्ष, सफलता और जिंदगी जीने के नजरिए को पेश किया। साथ ही कई अहम मुद्दों पर प्रकाश डालती हुई, बेहतरीन तरीके से उसका समाधान सुझाती नजर आईं। संवाद के दौरान गुल पनाग ने महिलाओं के अधिकार पर भी बात की। साथ ही समझाया कि चर्चा करने से हर समस्या का हल निकल सकता है। गुल पनाग ने बताया कि जिस तरह से खुद को फिट रखने के प्रयास में कुछ समय लग सकता है, लेकिन उसका निष्कर्ष निकलता ही है। ठीक उसी प्रकार कोशिश के दम पर जिंदगी को भी सफल बनाया जा सकता है। इस रास्ते में मेहनत और थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन नतीजा निकलना लाजमी है। 

गुल पनाग ने महिलाओं की सीमा पर की चर्चा

गुल पनाग ने संवाद में महिलाओं की सीमाओं पर चर्चा की। साथ ही खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरा पहला लक्ष्य था मिस इंडिया बनना, जिसे मैंने हासिल किया। इसके बाद मुझे फिल्में मिलने लगीं। हालांकि, मेरा लक्ष्य जीवन में बहुत कुछ करना था। गुल पनाग ने बताया कि उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल करने में पति का पूरा सहयोग मिला। अभिनेत्री ने साफ किया कि एक मुकाम हासिल करने के बाद आपको अगले लक्ष्य की तैयारी करनी चाहिए, क्योंकि जिस दिन लक्ष्य खत्म हो जाएगा, उस दिन आपकी जिंदगी खत्म हो जाएगी। गुल पनाग के अनुसार, महिलाओं का लक्ष्य सिर्फ शादी करना और बच्चे पैदा करना नहीं होना चाहिए। मनुष्य के एक नहीं बल्कि कई लक्ष्य हो सकते हैं। 

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अधिकार के लिए आवाज उठाना जरूरी

गुल पनाग ने पुरुष प्रधान सोच पर अपने विचार रखे। साथ ही यह कहा कि सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पुरुष प्रधान सोच की बहुलता रही है, जिसका आप, मैं हर कोई शिकार हुआ है। बचपन से हम महिलाओं के जहन में डाला जाता है कि आप एक बेहतर गृहणी बने। अच्छी पत्नी बने, अच्छी मां बने और परिवार की देखभाल करें। यही आपका रोल है। इस सामाजिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत सीमा के तहत हमें बांधा जाता है। हालांकि, सिर्फ व्यक्तिगत सीमा ही है, जो हमें सीमित कर सकती है। जब आपको लगता है कि मैं सिर्फ यही कर सकती हूं, तो आप वहां बंध जाती हैं। वहीं, जब हम सवाल उठाते हैं तो उसके जवाब हमेशा हमारे हक में नहीं होते। कोई आपको अधिकार दे तो आपको भी जिंदगी जीना आना चाहिए। अगर आप खुद को सीमित कर रहे हैं, तो आप इसका जिम्मेदार किसी और को नहीं ठहरा सकते हैं। 

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महिला सशक्तिकरण पर दिया बल 

गुल पनाग ने सुझाव देते हुए कहा कि अगर कोई आपको सीमित होने कहता है, तो आपको पहले अपने मन में सवाल उठाने की जरूरत है। क्योंकि, जब आप खुद से सवाल करेंगे तभी आपको जवाब मिलेंगे। जवाब ढूंढकर आप इसका दायरा बढाएं, और धीरे-धीरे इस दायरे को और बड़ा करें। समाज में कोई भी बदलाव चर्चा से ही होती है। अभिनेत्री ने इसे सती प्रथा, और बाल विवाह को खत्म किए जाने से जोड़ते हुए कहा कि जब उन मुद्दों पर चर्चा हुई तभी उनका समाधान निकाला जा सका। गुल पनाग ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एक सामाजिक नहीं बल्कि एक राजनीतिक मुद्दा है।

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