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Capf:भुगतान नॉनवेज का, जवानों को मिला सोयाबीन, भ्रष्टाचार उजागर करने वाले Ssb के सहायक कमांडेंट का करियर चौपट – Corruption Case In Sashastra Seema Bal, Ssb Assistant Commandant Career Destroyed For Exposing Corruption

Corruption case in Sashastra Seema Bal, SSB assistant commandant career destroyed for exposing corruption

SSB में घोटाले का खेल।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


एसएसबी में एक जूनियर अधिकारी ने जब अपने सीनियर एवं तत्कालीन सेकेंड इन कमांड यानी टूआईसी के भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया तो उसे ही दंडित करने की स्क्रिप्ट लिख दी गई। कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगने और पर्याप्त सबूत पेश करने के बावजूद टूआईसी को पदोन्नत कर कमांडेंट बना दिया गया, जबकि शिकायतकर्ता सहायक कमांडेंट का करियर चौपट कर दिया गया। सहायक कमांडेंट के जूनियर भी डिप्टी कमांडेंट बन चुके हैं, मगर शिकायतकर्ता ‘एसी’ की वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन ‘एपीएआर’ में प्रतिकूल टिप्पणियां कर उसकी पदोन्नति की राह में अड़चन पैदा कर दी गई। नतीजा, सहायक कमांडेंट राजीव कुमार को भी अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। इससे पहले ‘आईटीबीपी’ में एक कमांडेंट ने अपने ही जूनियर अधिकारी यानी सहायक कमांडेंट की वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन ‘एपीएआर’ में 3.69 नंबर देकर उसका करियर खराब करने का प्रयास किया था। इस मामले में सहायक कमांडेंट को दिल्ली हाईकोर्ट से न्याय मिला है। 

नॉनवेज मिला नहीं, भुगतान बराबर होता रहा

एसएसबी हेडक्वार्टर एवं हाईकोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला 2019 में सिक्किम में स्थित बल की 72 बटालियन का बताया गया है। इस संबंध में बल की तत्कालीन अतिरिक्त महानिदेशक को उचित माध्यम से शिकायत दी गई थी। उस वक्त बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट एसके अवधिया पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले में बतौर सबूत पेश किए गए ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग की लैब में जांच कराए बिना ही आरोपियों को चार्ज मुक्त कर दिया गया। खास बात है कि जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, उसे ही जांच प्रक्रिया की अहम जिम्मेदारी सौंप दी गई। वाहिनी में लंबे समय से फ्री राशन बिक्री का घोटाला चल रहा था। यूनिट में ‘नॉनवेज’ मिला नहीं, लेकिन उसका भुगतान बराबर होता रहा। बटालियन का सामान, सिविलियन को बेचा जा रहा था। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी पत्र भेजा गया था। 

इस तरह चलता रहा भ्रष्टाचार का खेल 

वाहिनी मुख्यालय के जब्त फ्री राशन बिक्री रजिस्टर से भी इस भ्रष्टाचार के सबूत मिले थे। मुख्य रजिस्टर के अलावा एक अन्य रजिस्टर तैयार किया गया, जिससे यह पता चला कि राशन बिक्री का खेल कई वर्षों से चल रहा है। फ्री राशन बिक्री रजिस्टर में सितंबर 2020 के दौरान 8650 रुपये का राशन बेचा गया, जबकि अक्तूबर माह में 27750 रुपये और दिसंबर 2020 में 29700 रुपये के राशन की बिक्री की गई। जब यह पोल खुली तो एक हवलदार और सिपाही को आरोपी बना दिया गया। इस मामले में द्वितीय कमान अधिकारी एसके अवधिया के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाए उन्हें पदोन्नति देने की राह क्लीयर कर दी गई। इस वाहिनी की एक लोकेशन पर ही लगभग 50 हजार रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई थी, जबकि उक्त वाहिनी के अंतर्गत 12 लोकेशन बताई गई हैं। 






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