Calcutta High Court:केंद्रीय बलों के असहयोग वाले आरोपों पर सरकार-sec ने दिया जवाब; हाईकोर्ट ने दिया था आदेश – West Bengal Govt And Sec File Response In Hc To Central Force Coordinator’s Allegation Of Non-cooperation
कलकत्ता हाईकोर्ट
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पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में बीएसएफ महानिरीक्षक के पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती में असहयोग के आरोपों पर अपना जवाब दाखिल किया। हाईकोर्ट ने 12 जुलाई को इन आरोपों पर प्रदेश सरकार और एसईसी से हलफनामा दाखिल कर जवाब मांगा था।
चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ के समक्ष अपने हलफनामे में दायर किए। एसईसी के वकील ने अदालत को बताया कि बल समन्वयक की रिपोर्ट में उठाए गए सभी बिंदुओं पर अगली सुनवाई की तारीख पर ध्यान दिया जाएगा। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने कहा, समन्वयक की रिपोर्ट में तैनाती योजना प्रस्तुत करने में देरी की ओर इशारा किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह पर्याप्त नहीं है कि योजना जिला मजिस्ट्रेटों को भेजी गई थी। उन्होंने कहा, बूथवार तैनाती की योजना काफी पहले बताई जानी चाहिए थी, जिससे केंद्रीय बलों को तैनाती में मदद मिलती। एसईसी के वकील पीएस रमन ने बताया कि असहयोग के 14 आरोप थे, जिसमें उन्होंने दावा किया कि मुख्य रूप से तैनाती योजना में कथित देरी, उचित समय के भीतर संवेदनशील बूथों के बारे में जानकारी न देना और केंद्रीय बल कमांडरों को जिलेवार तैनाती पर सलाह देना शामिल है। उन्होंने दावा किया कि एसईसी ने एसईसी ने समय सीमा के भीतर उचित तेजी के साथ काम किया था।
चीफ जस्टिस ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के ग्रामीण चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के बारे में हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने के बाद, उस आदेश को अक्षरश: स्वीकार करके एक संयुक्त अभ्यास किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, जिन लोगों की जान गई है उन्हें अवमानना का नियम जारी करके या मुआवजे के जरिये वापस नहीं लाया जा सकता। इस मामले में अब 17 अगस्त को सुनवाई होगी।