Brij Bhushan Said I Have Retired From Wrestling My Focus Is On Lok Sabha Elections After Wfi Suspension – Amar Ujala Hindi News Live – Wfi:भारतीय कुश्ती संघ पर निलंबन के बाद बृजभूषण ने कही संन्यास की बात, बोले
बृजभूषण शरण सिंह
– फोटो : अमर उजाला।
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खेल मंत्रालय द्वारा रविवार (24 दिसंबर) को भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) पर निलंबन को लेकर पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि वह कुश्ती से संन्यास ले चुके हैं और उनका पूरा ध्यान आगामी लोकसभा चुनाव पर है। पहलवानों ने इस साल जनवरी में बृजभूषण के खिलाफ ही धरना-प्रदर्शन किया था। उसके बाद उन्हें पद से हटना पड़ा था।
बृजभूषण सिंह के हटने के बाद चुनाव कराए गए थे। 21 दिसंबर को हुए डब्ल्यूएफआई चुनाव में उनके करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए। इतना ही नहीं अधिकांश पदों पर बृजभूषण के साथी ही चुनकर सामने आए। इसके बाद ओलंपियन साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया। वहीं, बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया। सरकार ने बढ़ते विवाद के बाद डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया। हालांकि, खेल मंत्रालय ने कहा कि नए अध्यक्ष के द्वारा नियमों की अनदेखी के कारण यह फैसला लिया गया।
बृजभूषण शरण ने क्या-क्या कहा?
बृजभूषण ने कहा, ”संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। आनन-फानन में पुरानी समिति को एक निर्णय लेना पड़ा। अंडर-15 और 20 को लेकर, क्योंकि 31 दिसंबर को यह सत्र समाप्त हो जाएगा। उसके बाद यह टूर्नामेंट होता है तो उनका एक साल खराब हो जाएगा। इसी कारण सभी फेडरेशन ने मिलकर यह निर्णय लिया कि किसी तरह से खेल का एक वातावरण शुरू हो। नंदिनी नगर में इसलिए रखा गया क्योंकि हर फेडरेशन के लोगों ने हाथ खड़ा कर दिया कि चार-पांच दिनों के अंदर हम कोई व्यवस्थान नहीं कर सकते हैं। उस बैठक में मेरी विदाई का कार्यक्रम भी रखा था। उसमें सबको दो-चार शब्द बोलना पड़ता है। इस नाते मैं वहां गया था। 15 और 20 साल के बच्चों का साल खराब नहीं हो, इस कारण नंदिनी नगर में टूर्नामेंट रखा गया। यह फैसला आम सहमति से लिया गया था। सभी 25 फेडरेशन ने अपनी लिखित और मौखिक सहमति दी थी।”
बृजभूषण ने आगे कहा, ”मैंने 12 साल तक कुश्ती के लिए काम किया। अच्छा किया या गलत किया, इसका मूल्यांकन समय करेगा। एक तरह से कुश्ती खेल से मैं संन्यास ले चुका हूं। कुश्ती खेल से मैं नाता तोड़ चुका हूं। अब जो भी फैसला लेना है, सरकार से बात करना है या कानूनी प्रकिया अपनानी है, इस पर चुने गए फेडरेशन के लोग फैसला करेंगे। मैंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है। मेरा लोकसभा का चुनाव आ रहा है। और भी मेरे पास बहुत काम है। अब जो भी काम है इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।लोकतांत्रिक तरीके से सरकार की इच्छा पर और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव संपन्न हुआ। सभी सदस्य चुने जा चुके हैं। अब उन्हें सरकार से बात करना है या उन्हें कानूनी सलाह लेनी है, यह मेरा काम नहीं है। मेरे पास बहुत काम है।”
सरकार ने क्यों किया निलंबित?
नवनिर्वाचित निकाय द्वारा पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त नोटिस दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की जल्दबाजी में की गई घोषणा के बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया।