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Big B Doppelganger:ऐसा हमशक्ल जिसे देख अमिताभ बच्चन भी चकरा गए, मिलिए पुणे के शशिकांत पेडवाल से – Big B Doppelganger Shashikant Pedwal Lookalike That Kbc 15 Host Amitabh Bachchan Was Baffled Meet Pune Man


पुणे के रहने वाले शशिकांत पेडवाल हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन के हमशक्ल के रूप में पहचाने जाते हैं। शशिकांत पेडवाल की शक्ल अमिताभ बच्चन से इतनी मिलती है कि अमिताभ बच्चन खुद उनकी तस्वीरें देखकर भौचक्के हो गए थे। शशिकांत मिमिक्री आर्टिस्ट भी हैं और हिंदी सिनेमा के कई नामी स्टार्स की मिमिक्री करते हैं। लेकिन उन पर अमिताभ बच्चन के व्यक्तित्व का बहुत गहरा प्रभाव है। पेशे से शशिकांत पेडवाल पुणे आईटीआई गवर्नमेंट कॉलेज में  प्रोफेसर हैं। ‘अमर उजाला’ से खास बातचीत के दौरान शशिकांत पेडवाल ने अपने जिंदगी से जुड़े किस्से साझा किए।



लोग असल में अमिताभ बच्चन समझ बैठे 

मैं गवर्नमेंट आईटीआई सेक्टर में जॉब करता हूं। मेरा ट्रांसफर हर चार -पांच साल में होता रहता है। जब  मेरा ट्रांसफर जलगांव में हुआ। वहां एक खानदेश फेस्टिवल के  आयोजन में श्रेया घोषाल आने वाली थी। उस फेस्टिवल की कमेटी में मैं भी था। मुझे बताया गया कि  कार्यक्रम के दौरान श्रेया घोषाल को 15 मिनट का ब्रेक देना होगा, उस दौरान परफॉर्म कौन करेगा? मैंने कहा कि अमिताभ बच्चन साहब को बुला लेते हैं। आयोजकों ने कहा कि अपने पास तो इतना फंड नहीं है कि बच्चन साहब को बुला सके। मैंने कहा कि मेरे संपर्क में हैं, आ जाएंगे। मैंने उनको अपनी क्लिपिंग दिखाई। उनको बताया कि ये बच्चन साहब नहीं, मैं हूं। वहां पर 40 हजार के आस पास पब्लिक थी। पहली बार जब वहां कार्यक्रम किया तो पूरी मीडिया मेरे पीछे लग गई। फिर मुझे  लोगो से कहना पड़ा कि मैं बच्चन साहब नहीं, मेरा नाम शशिकांत है। फिर अखबारों में आना शुरू हो गया कि शशिकांत का चेहरा अमिताभ बच्चन से मिलता है। 


पोलियो मुक्ति के विज्ञापन से मिली पहचान

जब मेरी पोस्टिंग महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले में हुई तो उन दिनों बच्चन साहब का पोलियो एड ‘दो बूंद जिंदगी के लिए’ चलता था। वहां पर मैंने केबल ऑपरेटर वाले को बुलाया और उनको कहा कि एक एड ‘दो बूंद नंदूरबार के लिए, पोलियो से हमारा देश बचेगा और उन्नति करेगा’ बनाते हैं।  लोगों ने वह एड देखा और बोले कि यह तो बच्चन साहब कर रहे हैं और नंदूरबार का नाम कैसे ले रहे हैं। इतने बड़े स्टार हैं और नंदूरबार जैसे जिले को कोई ठीक से जानता नहीं और बच्चन साहब नंदूरबार का नाम ले रहे हैं। शाम को आपरेटर से पूछा कि कितने लोगों का फोन आया। उन्होंने बताया कि काफी लोगों का फोन आ रहा है, सभी लोग बहुत हैरान हुए कि अमिताभ बच्चन सिर्फ उनके गांव का नाम कैसे बोल रहे हैं। वह तो इतने बड़े  स्टार हैं, फिर एक गांव का नाम भला क्यों ले रहे हैं ? किसी को शक भी नहीं हुआ कि ये उनकी आवाज नहीं है। इस काम के बाद तो मुझे खुद पर और भरोसा हो गया कि बेहतर काम कर सकता हूं।


बच्चन साहब से पहली मुलाकात 

बच्चन साहब से पहली मुलाकात 2011 में एक मित्र के माध्यम से हुई थी। तब मेरे पास एक अलबम था जिसमे मेरे ही फोटो थे। उस समय मैं मेकअप करके नहीं, बल्कि साधारण तरीके से गया था। बच्चन साहब ने अलबम देखे, मैने कहा कि आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और आपके फोटो इकट्ठे करके इस अलबम में रखे हुए हैं। बच्चन साहब ने कहा, ‘वाह वाह क्या बात है।’ मैने कहा, सर क्षमा करें, यह फोटो आपके नहीं बल्कि मेरे हैं। उन्होंने बोला कि यह कैसे हो सकता है? मैंने कहा, ‘सर मैं मेकअप करता हूं तो ऐसा हो जाता है। बच्चन साहब ने कहा, ‘अभी आपको देख रहा हूं तो लग नहीं रहा कि आप ही हो, मेरे घर आ जाओगे तो किसी को पता ही नहीं चलेगा।’ मैंने कहा, ‘जब तक आपकी अनुमति नहीं मिलेगी आपके घर नहीं आऊंगा।’


लोगों के दिलों से कोविड का डर निकला 

उसके बाद मैने काफी सोशल वर्क किया। कोविड के दौरान मैने बहुत बड़ा काम किया। कोविड  में लोग बहुत डरे हुए थे और लोगों की डर से मौत हो रही थी। बीमारी खतरनाक थी, मैं मानता हूं, लेकिन इतनी भी खतरनाक नहीं थी कि लोग अस्पताल में जाते ही मर जाए। फिर मैंने सोचा कि लोगों के अंदर से इस डर को कैसे निकाला जाए। आज की तारीख में हर किसी की इच्छा होती है कि अगर बच्चन साहब एक मिनट के लिए बात कर लें, तो हमारा जीवन सफल हो जाए। मैंने प्रशासन से अपना आइडिया शेयर किया। लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा करना गलत है। मैंने कहा कि हम कभी यह नहीं बताएंगे कि मैं अमिताभ बच्चन हूं। उनको सिर्फ हमारा वीडियो दिखायेंगे और बोलेंगे कि इनसे बात करनी है आपको? इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं हो सकती है।  बच्चन साहब की फिल्मों के बहुत सारे डायलॉग और मधुशाला की कविताएं बोलने लगा। लोगों को लगने लगा कि वाकई में अमिताभ बच्चन बात कर रहे हैं। इससे यह हुआ कि उनके दिमाग में कोविड की फाइल हटकर अमिताभ बच्चन की फाइल दिमाग में आ गई। 


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