Baseball:छत्तीसगढ़ की अंजलि खल्को बेसबॉल में देश का नाम कर रहीं रोशन, छठी कक्षा से शुरू किया था खेलना – Chhattisgarh Anjali Khalkho Is Making The Country Famous In Baseball Started Playing From Sixth Grade
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देश में प्रतिभावान खिलाड़ियों की कमी नहीं है, बस जरूरत है उन्हें सही प्रशिक्षण और मदद करने की। ऐसी ही एक प्रतिभावान खिलाड़ी अंजलि खल्को हैं जो बेसबॉल के खेल में भारत का नाम रोशन कर रही हैं। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के गांव सिविलदाग गांव की अंजलि हांगकांग में हुई महिला एशियाई बेसबॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम की हिस्सा थीं जहां टीम छठे स्थान पर रहा थी। वह टूर्नामेंट में चीनी ताइपे और फिलिपीन के खिलाफ एक कैचर के रूप में खेली थी। वह दिसबंर में कनाडा में आगामी टूर्नामेंट में शिरकत करेंगी।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले बलरामपुर-रामानुजगंज की अंजलि की राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रशंसा की जा रही है। उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए समय-समय पर छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन ने उन्हें सहयोग और अवसर प्रदान किए जिसके कारण वह भारतीय बेसबॉल टीम में अपनी जगह बनाने में सफल हुईं।
छत्तीसगढ़ सरकार और परिवार का उपलब्धियों में योगदान
23 साल की अंजलि ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन के साथ परिवार, कोच अख्तर खान, खेल शिक्षक हेमलता और भाई-बहन आलोक, अंशुमला और आकांक्षा ने मेरी उपलब्धियों में योगदान दिया है। परिवार के आर्थिक हालात अच्छे नहीं होने के कारण मैंने प्रशासन से सहयोग की गुहार लगाई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन ने पूरा सहयोग किया। जिसके कारण मैं भारतीय टीम तक पहुंच पाई हूं।’
छठी कक्षा से शुरू किया बेसबॉल खेलना
सिविलदाग कुसमी विकासखंड का एक छोटा सा गांव है। और वहां से पुलिस विभाग में एएसआई रिजू खल्को और महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी में कार्यरत राजमणि खल्को की बेटी अंजलि ने छठी कक्षा से बेसबॉल खेलना शुरू किया था। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा लारंगी और रातासिली जैसे सरकारी विद्यालयों में पूरी की। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर से छठी कक्षा पास की। वर्तमान में वह रायपुर में शारीरिक शिक्षा में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बिलासपुर में ही बेसबॉल खेलना शुरू किया था। फिर वह खंड, जिला और राज्य की टीमों की सदस्य बन गईं।
अंजलि खल्को ने कहा- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के खिलाड़ियों के सामने कई प्रकार की चुनौतियां सामने आती हैं। इस दौरान कई प्रकार के सामाजिक दबाव भी होते हैं। इन सभी हालात में माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों की जिम्मेदारी होती है कि वो अपने बच्चों की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें प्रोत्साहित करें और अच्छा वातावरण उपलब्ध कराएं।
अंजलि की तरह अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं गांव वाले
अंजलि ने कलेक्टर रेमीजियस एक्का से मुलाकात की और अपनी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने अब तक के खेल सफर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में स्वर्ण सहित कई पदक जीते हैं। एक्का ने अंजलि को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। अंजलि की उपलब्धियों से उनके गांव वाले भी काफी खुश हैं और अपने बच्चों को भी अंजलि की तरह बनाना चाहते हैं।
मां के कामों में भी करती हैं मदद
अंजलि जब अपने गांव आती हैं तो पढ़ाई करती हैं। साथ ही घर के कामों में मां की मदद भी करती हैं। जिल प्रशासन अंजलि के साथ अन्य मेधावी खिलाड़ियों की हर संभव मदद करने का आश्वासन दे रहा है।