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Azmeri Haque Badhon:मैं बांग्लादेश की बेटी हूं, शोहरत और दौलत की चाहत से ज्यादा मुझे अपने देश से प्यार है – Azmeri Haque Badhon Speaks To Pankaj Shukla Khufiya Vishal Bhardwaj Rehana Mariyam Noor Tabu Shah Rukh Khan

नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई निर्माता, निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘खुफिया’ के संगीत की सुर लहरियों सी लचकती, मचलती और इठलाती एक अदाकारा भी इस फिल्म में है। आंखों का जादू ऐसा कि फिल्म में मिला नाम ‘ऑक्टोपस’ बिल्कुल सटीक मालूम होता है। जब से ये फिल्म रिलीज हुई है, लोग इस कलाकार का असली नाम जानने को बेचैन हैं और ये भी जानने के लिए कि आखिर ये मोहतरमा हैं कौन? ‘अमर उजाला’ ने इनकी तलाश की और बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इनका ‘खुफिया’ ठिकाना भी तलाश निकाला। तो पेश है, एक खास बातचीत विशाल भारद्वाज की नई खोज अभिनेत्री अजमेरी हक से, प्यार से लोग उन्हें बधोन कहते हैं।



हिंदुस्तान और बांग्लादेश की ये कड़ी आखिर जुड़ी कैसे? मेरा मतलब है कि फिल्म खुफिया के लिए विशाल भारद्वाज तक आप या आप तक विशाल कैसे पहुंचे?

ये सिलसिला कोई तीन साल पुराना है। मैं कान फिल्म फेस्टिवल के लिए पेरिस गई हुई थी और वहां मुझे अनुराग कश्यप मिल गए। हम दोनों के कुछ उभयमित्र थे। वहां से बात शुरू हुई और बात पहुंची विशाल भारद्वाज तक। उनकी इस फिल्म की कहानी का सूत्र बांग्लादेश से जुड़ा था तो उन्हें यहां की किसी अदाकारा की तलाश थी। पहले तो मेरा ऑडिशन डिजिटली ही हुआ। लेकिन, फिर जब विशाल भारद्वाज से वर्चुअल मीटिंग हो गई और उन्हें लगा कि मैं ‘ऑक्टोपस’ के लिए ठीक हूं तो मुझे भारत बुलाकर मेरा लुक टेस्ट वगैरह लिया गया।


तो मुंबई आना आपका इसी फिल्म की वजह से ही हुआया पहले भी आप मुंबई आ चुकी हैं?

बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल आना उतनी बड़ी बात नहीं है और वहां मेरा आना जाना रहा है। लेकिन, मुंबई आना और किसी हिंदी फिल्म में काम करना अपने आप में एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम रहा। उस पर से विशाल भारद्वाज सरीखे निर्देशक के साथ काम करना किसी सपने के सच होने से कम नहीं रहा।


और, तब्बू को पर्दे पर प्रेम करना..

आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन फिल्म ‘खुफिया’ का प्रस्ताव आने से पहले ही मैं तब्बू की तकरीबन सारी फिल्में देख चुकी थी। तब्बू के अभिनय से और स्वयं तब्बू से मुझे प्रेम है, इससे मुझे कोई इंकार नहीं है। जब हम मिले तो हमें पता ही नहीं चला कि हम पहली बार मिल रहे हैं। हम दोनों ने बहुत अच्छा वक्त साथ में गुजारा और और ये आत्मीयता ही शायद बड़ी वजह रही कि मैं तब्बू के साथ परदे पर इतने अंतरंग दृश्य कर सकी। जब इन दृश्यों की शूटिंग हो रही थी तो कमरे में सिर्फ मैं, तब्बू, विशाल और फिल्म के सिनेमैटोग्राफर ही मौजूद थे और विशाल ने इनका फिल्मांकन बहुत ही सहज और विश्वसनीय तरीके से किया है।


हिंदी सिनेमा के कलाकारों में से सिर्फ तब्बू से ही आपको प्रेम हुआ, या और कोई भी खुफिया नाम है जिसे आपने दुनिया से अब तक छुपाए रखा?

बांग्लादेश में हिंदी फिल्में खूब देखी जाती हैं और जब मैं डेंटल कॉलेज में पढ़ रही थी तो शाहरुख खान को लेकर हद दर्जे तक दीवानी थी। अगर मेरा कोई क्रश रहा है तो वह शाहरुख खान ही हैं। आंखें बंद करती तो खुद को शाहरुख के साथ बर्फीले पहाड़ों पर स्लीवलेस ब्लाउज और शिफॉन की साड़ियों में पाती। और, ये क्रश लंबे समय तक रहा। पता नहीं अब शाहरुख मेरे सामने हों तो मेरी प्रतिक्रिया क्या होगी?


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