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Asian Games:मां का संस्कार छोड़ा अब बंद हुई विकास की तैयारी, विदेशी कोच ने पैसा नहीं मिलने पर ट्रेनिंग रोकी – Left Mother Rites For Asian Games Preparations, Foreign Coach Stopped Horse Riding Training Not Getting Money

Left mother rites for Asian Games preparations, foreign coach stopped horse riding training not getting money

घुड़सवारी (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


सेना में दफेदार घुड़सवार विकास कुमार एशियाई खेलों की तैयारियों के लिए अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए, लेकिन विदेशी कोच को पैसा नहीं मिलने पर फ्रांस में उनकी तैयारियां बंद कर दी गई हैं। विकास और मेजर अपूर्व दभाड़े जून से फ्रांस के सेंट ग्रेविस में विदेशी कोच रोडोल्फ शेरेर के संरक्षण में एशियाई खेलों की तैयारियां कर रहे हैं, लेकिन विदेशी कोच को भारतीय घुड़सवारी संघ (ईएफआई) की ओर से तैयारियों का पैसा नहीं दिए जाने पर उन्होंने दोनों घुड़सवारों के घोड़े वापस लेकर तैयारियां बंद कर दी हैं। दोनों घुड़सवारों ने खेल मंत्रालय से गुहार लगाई है कि कोच को पैसा जारी कर उनकी तैयारियां शुरू कराई जाएं।

मां का पूरा करना है सपना

बुलंदशहर केडरोली गांव के विकास कुमार के अलावा अपूर्व, आशीष लिमये, राजू कुमार ने एशियाड के लिए क्वालिफाई किया है। चारों घुड़सवारों को तैयारियों के लिए सेंट ग्रेविस भेजा गया, लेकिन 30 जुलाई से विकास, अपूर्व की तैयारियां बंद कर दी गई हैं, जबकि आशीष, राजू अपने प्रायोजक की ओर से दिए गए पैसे से तैयारियां कर रहे हैं। विकास ने अमर उजाला को बताया कि उनके लिए यह एशियाड बेहद अहम हैं। वह अपनी मां के सपने को पूरा करने के लिए हर हाल में वहां पदक जीतना चाहते हैं।

देहांत से एक दिन पहले हुई थी बात

विकास के मुताबिक 11 जून को उनकी मां रोजी देवी का देहांत हो गया। 10 जून को उनकी वीडियो कॉल पर उनसे बात हुई थी। वह यही कह रही थीं कि एशियाड की तैयारियां अच्छे से करें। वह अपने बेटे को एशियाड का पदक जीतते देखना चाहती हैं। विकास बताते हैं कि 2018 के एशियाई खेलों में बुलंदशहर के ही घुड़सवार राकेश कुमार ने पदक जीता था। उनका गांव में जोरदार स्वागत हुआ था। उनकी मां भी यही चाहती थीं कि वह एशियाड का पदक जीतें तो उनका भी गांव में वैसा ही स्वागत हो, लेकिन अगले ही दिन उनका देहांत हो गया। घरवालों ने कहा कि मां के सपने के लिए वह यहां नहीं आएं और वहीं तैयारियां करें। उन्होंने वीडियो पर ही मां का अंतिम संस्कार देखा।

पैसा मिलते ही कोच को भेजा जाएगा

विकास का कहना है कि वह अब मां के लिए पदक जीतना चाहते हैं। दोनों ने ईमेल में गुहार लगाई है कि उनकी जल्द से जल्द तैयारियां शुरू कराई जाएं। दरअसल जिन घोड़ों के साथ एशियाड में दोनों को खेलना है। उन्हें रोडोल्फ ने किराए पर दिलाया है। किराया नहीं चुकाने पर रोडोल्फ ने घोड़े वापस ले लिए हैं। ईएफआई के महासचिव जयवीर सिंह स्वीकार करते हैं कि उनकी ओर से रोडोल्फ को राशि नहीं भेजी गई है। मंत्रालय की मदद से उन्होंने दो माह का शिविर घुड़सवारों के लिए फ्रांस में लगाया। मंत्रालय से पैसा मिलने के बाद उन्होंने पहले माह कोच को पैसा भेजा, लेकिन दूसरे माह राशि जारी नहीं होने पर वह पैसा नहीं भेज सके। उन्होंने मंत्रालय से बात की है। पैसा मिलते ही भेज दिया जाएगा।

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