Archery World Cup:प्रथमेश ने दुनिया के नंबर एक तीरंदाज को हराकर जीता स्वर्ण, ओजस-ज्योति को भी गोल्ड मेडल – Archery World Cup: Prathamesh Won Gold By Defeating World’s Number One Archer, Ojas-jyoti Also Won Gold Medal
प्रथमेश
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भारत के 19 साल के तीरंदाज प्रथमेश जावकर ने नीदरलैंड के विश्व में नंबर एक खिलाड़ी माइक श्लोएसर को उलटफेर का शिकार बनाकर शनिवार को यहां विश्व कप तीरंदाजी में पुरुषों के कंपाउंड में व्यक्तिगत वर्ग का स्वर्ण पदक जीता। भारत ने गैर ओलंपिक स्पर्धा में दो स्वर्ण पदक जीते। ओजस देवताले और ज्योति सुरेखा वेनम की भारत की मिश्रित टीम जोड़ी ने अपना करिश्माई प्रदर्शन जारी रखते हुए कोरिया की मजबूत टीम को हराकर विश्वकप में लगातार अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
भारत की इस जोड़ी ने अंताल्या में विश्वकप के पहले चरण में भी स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने दूसरे चरण में भी अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा और कोरिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी को 156-155 से पराजित किया। इससे पहले कोरिया के किम जोंघो और चोई योंगही को हराने वाले प्रथमेश ने चोटी के खिलाड़ियों को उलटफेर का शिकार बनाना जारी रखा तथा पुरुष कंपाउंड के व्यक्तिगत फाइनल में नीदरलैंड के खिलाड़ी को 149-148 से हराया।
भारतीय खिलाड़ी ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और दो बार के विश्व चैंपियन को हराने के लिए केवल एक अंक गंवाया। यह अंक उन्होंने पहले चरण में गंवाया जिसमें दोनों तीरंदाज ने समान 29 अंक बनाए थे। दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में ही दोनों तीरंदाज सटीक निशाना लगाने में सफल रहे लेकिन पांचवें चरण में नीदरलैंड के 29 वर्षीय खिलाड़ी चूक गए जिससे प्रथमेश विश्वकप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे।
इससे पहले ओजस और ज्योति की भारतीय जोड़ी तथा किम जोंघो और ओह योह्युन की अनुभवी कोरियाई जोड़ी ने पहले तीन चरण में समान 39 अंक बनाए. चौथे और अंतिम चरण में हालांकि कोरियाई टीम दबाव में आ गई और वह 38 अंक ही बना पाई जबकि भारतीय जोड़ी ने फिर से 39 अंक बनाकर लगातार दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
इस साल ज्योति का तीसरा स्वर्ण
ज्योति यहां व्यक्तिगत वर्ग में शुरू में ही बाहर हो गई थी लेकिन इससे पहले उन्होंने अंताल्या में व्यक्तिगत वर्ग का भी स्वर्ण पदक जीता था। इस तरह से 2023 में विश्वकप में अभी तक वह तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी है। अब उनकी निगाह बर्लिन में होने वाली विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करने पर टिकी है।
‘पूरे विश्व कप के दौरान हमारा तालमेल और निशाने साधने की प्रक्रिया शानदार रही। फाइनल में भी हमने सही निशाने लगाने पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया। स्वर्ण पदक जीतकर हमारा मनोबल बढ़ा है। हम अपनी इस लय को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।’-ज्योति सुरेखा वेनम