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Adipurush:चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने किया आदिपुरुष का रिव्यू, फिल्म की प्रशंसा सुन सभी हुए हैरान – Adipurush Controversy Chilkur Balaji Temple Priest Review Prabhas Film Suggests Changes After Slamming Om Raut


‘आदिपुरुष’ पर विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ रामकथा को निम्नस्तरीय दिखाने के आरोप में हाईकोर्ट में आज ‘आदिपुरुष’ पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सुनवाई होनी है, वहीं दूसरी तरफ कोई न कोई प्रभास, कृति सेनन अभिनीत फिल्म को खरी खोटी सुना रहा है। राजनेताओं, कलाकारों के बाद अब चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी, एस रंगराजन ने ओम राउत की ‘आदिपुरुष’ की समीक्षा की है। इस समीक्षा में उन्होंने फिल्म में कई सारे बदलाव करने के सुझाव भी दिए हैं।



‘आदिपुरुष’ को रिलीज के बाद से समीक्षकों और दर्शकों से ज्यादातर नकारात्मक समीक्षा ही मिली है। अब चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी, एस रंगराजन भी फिल्म को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। सभी को पता है कि रंगराजन ने फिल्म की रिलीज से पहले तिरूपति मंदिर परिसर के बाहर ओम राउत और कृति सेनन द्वारा किए गए किस की जमकर आलोचना की थी। ऐसे में कोई यह मान सकता है कि पुजारी द्वारा की गई यह समीक्षा भी आलोचनात्मक होगी। हालांकि, एस रंगराजन ने इसके बजाय फिल्म की प्रशंसा करके सभी को हैरान कर दिया।

Adipurush Row: आदिपुरुष पर प्रतिबंध लगाने को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई आज, रामकथा को निम्नस्तरीय दिखाने का आरोप


एक मीडिया संस्थान द्वारा साझा किए गए वीडियो के अनुसार, एस रंगराजन ने तेलुगू में कहा कि उन्होंने और मंदिर के कुछ अन्य पुजारियों ने ‘आदिपुरुष’ देखी और भगवान राम पर फिल्म बनाने के ओम राउत के प्रयासों की सराहना की। एस रंगराजन ने बताया कि फिल्म एक पूरी तरह से सही रूपांतरण नहीं थी और स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव हो सकते थे, लेकिन उन्होंने फिर भी ओम राउत और उनकी टीम को ‘भक्तिपूर्ण प्रयास’ के लिए धन्यवाद दिया।


कुछ हफ्ते पहले, एस रंगराजन ने फिल्म के निर्देशक ओम राउत और फिल्म की लीड एक्ट्रेस कृति सेनन की तिरुपति बालाजी मंदिर के बाहर किए गए गुडबाय किस को लेकर काफी आलोचना की थी। दरअसल, एक वीडियो में मंदिर में दर्शन के बाद ओम राउत को कृति के गाल पर किस देते हुए देखा गया था। रिलीज से पहले इस किस ने काफी विवाद खड़ा कर दिया था और कई लोगों ने कहा था कि दोनों ने मंदिर की ‘पवित्रता’ का सम्मान नहीं किया है। इस को लेकर एस रंगराजन ने भी यही विचार व्यक्त किए थे।



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