Adarsh Gourav:आदर्श गौरव ने सतीश कौशिक के साथ काम करने के अनुभव को किया साझा, बताया क्यों थे वह इतने खास – Adarsh Gourav Said Satish Kaushik Was Fantastic Storyteller Share Work Experience With Him In Guns And Gulaabs
आदर्श गौरव, सतीश कौशिक
– फोटो : सोशल मीडिया
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बॉलीवुड अभिनेता आदर्श गौरव इंडस्ट्री के सबसे बेहतरीन सितारों में से एक हैं। 2017 में आई फिल्म ‘मॉम’ में उनके किरदार मोहित चड्ढा के लिए उन्हें जाना जाता है। उन्होंने ‘द व्हाइट टाइगर’ में भी अपने शानदार अभिनय से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। हाल ही में वह राज एंड डीके की ‘गन्स एंड गुलाब्स’ में नजर आए थे। वह इस शो में जाने-माने अभिनेता सतीश कौशिक के बेटे ‘जुगनू’ के किरदार में दिखाई दिए थे। हाल ही में एक बातचीत के दौरान उन्होंने दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा किया।
सतीश कौशिक के बारे में क्या बोले आदर्श
आदर्श से जब सतीश कौशिक के साथ काम करने के अनुभव के बारे में पूछा गया। तो इसपर उन्होंने कहा, ‘वह एक साथ सभी का मनोरंजन कर सकते थे। वह एक शानदार कहानीकार थे। हम सभी उन्हें एक महान अभिनेता, निर्देशक और लेखक के रूप में जानते हैं। वह अक्सर हमें अपने की कहानियों के बारे में बताते थे। उनके पास हमेशा कहानी साझा करने के लिए होती थीं। वह मजेदार किस्से सुनाया करते थे। सब कुछ बताया करते थे कि उस समय चीजें कैसी हुआ करती थीं। उन्होंने एक सहायक निर्देशक के रूप में शुरुआत की और फिर निर्देशक बनने, अभिनय करने और अन्य चीजों में उनका परिवर्तन हुआ।’
‘उन्हें चीजों के बारे में जानने की बहुत जिज्ञासा थी’
आदर्श गौरव ने आगे कहा, ‘यहां तक कि 40 साल पहले बॉम्बे कैसा हुआ करता था, उन्होंने इसकी कहानियां भी सुनाईं। मैं उनसे बहुत प्रभावित हूं। मैं 70 और 80 के दशक के बॉम्बे के बारे सुनने के लिए उत्सुक रहता था। उनके पास इतनी सारी कहानियां हैं कि वह मुझे यारी रोड और उन सभी जगहों के बारे में बताया करते थे, जिन्हें हम अब जानते हैं, वह उससे बहुत अलग हैं। उन्हें जीवन के बारे में और चीजों के बारे में जानने की बहुत जिज्ञासा थी।’
यह बातें सतीश कौशिक को बनाती हैं खास
उन्होंने बताया, ‘वह हमेशा मुझसे पूछते थे कि मैं क्या देख रहा हूं और मेरी रुचि किसमें है। मुझे लगता है कि यही बातें उन्हें इतना खास बनाती हैं। हमेशा उनके आसपास रहने के बावजूद, हम अभी भी उनसे और अधिक चाहते थे। चीज़ों के प्रति उनकी जिज्ञासा और हर चीज के प्रति बच्चों जैसा आकर्षण ही है, जो उन्हें इतनी खास बनाता है।’