Tashkent Film Festival 2023:टीएफएफ में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे एल मुरुगन, जानें कब से कब तक होगा समारोह – Union Minister L Murugan To Represent India At Tashkent International Film Festival 2023
केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन
– फोटो : ANI
विस्तार
ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2023 का आयोजन हर बार की तरह इस बार भी उज्बेकिस्तान में किया जाएगा। इस फिल्म समारोह में दुनियाभर के देशों को आमंत्रित किया जाता है। ऐसे में फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए उन सभी देशों के सितारे पहुंचते हैं। हर बार की तरह इस बार भी भारत को ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में आमंत्रित किया गया है। खबर आ रही है कि इस बार फिल्म फेस्टिवल में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन करेंगे।
एल मुरुगन करेंगे प्रतिनिधित्व
केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन इस साल उज्बेकिस्तान में ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को कहा गया कि सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मुरुगन 29 सितंबर से 1 अक्तूबर तक ताशकंद जाएंगे। बयान में कहा गया है कि इस फिल्म फेस्टिवल में भागीदारी का उद्देश्य सिनेमाई साझेदारी बनाना, कार्यक्रमों का आदान-प्रदान करना, फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना और संस्कृतियों के बीच एक पुल के रूप में कार्य करना है।
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पहली बार दिखाई गई थी यह भारतीय फिल्म
‘पर्ल ऑफ द सिल्क रोड’ के नाम से मशहूर ताशकंद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत 1968 में हुई थी। इस महोत्सव में पहली बार भारतीय फिल्म ‘आम्रपाली’ दिखाई गई थी। भारतीय सिनेमा ने अपने शुरुआती दिनों में ही विश्व मानचित्र पर अपना नाम कमा लिया था, जब राज कपूर की फिल्मों को दुनिया भर से प्यार मिला, खासकर उज्बेकिस्तान और मध्य एशिया क्षेत्र में।
प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई संबंधों में वृद्धि
बयान में आगे कहा गया कि, ‘भारतीय सिनेमा का जादू आज भी बरकरार है क्योंकि कहानी कहने का हमारा सांस्कृतिक तरीका अलग है। न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में हमारी फिल्में सराही जाती हैं, जैसे कि एस एस राजामौली की फिल्म आरआरआर का गाना नाटू नाटू।’ बता दें, हाल ही में दुनिया भर के सिनेमा प्रेमियों का दिल जीतने वाले इस गाने ने गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और ऑस्कर भी जीता। उज्बेकिस्तान और भारत के संबंधों की जड़ें इतिहास में बहुत गहरी हैं। बयान में कहा गया कि, हाल के वर्षों में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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