Sameer Wankhede:25 करोड़ रिश्वत मामले में समीर वानखेड़े को मिली जीत, कैट ने आर्यन खान केस में बताया निर्दोष – Sameer Wankhede Wins 25 Crore Bribery Case Involving Jawan Actor Shah Rukh Khan Son Aryan Khan Drugs Case
समीर वानखेड़े-आर्यन खान
– फोटो : सोशल मीडिया
बीते दिन रिलीज ‘जवान’ की वजह से शाहरुख खान का नाम इस समय लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। लेकिन अब उनके बेटे आर्यन खान का नाम भी सुर्खियों में आ गया है। वजह एक बार फिर साल 2021 में क्रूज ड्रग्स भंडाफोड़ मामले में उनकी गिरफ्तारी और उनके जांच अधिकारी समीर वानखेड़े हैं। दरअसल, एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े पर स्टारकिड की गिरफ्तारी के बाद रिश्वत लेने का आरोप लगा था। इस का मामला कोर्ट में चल रहा था। लेकिन, अब समीर वानखेड़े को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, समीर वानखेड़े यह केस जीत गए हैं। यह कार्रवाई तत्कालीन एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने की थी. उन पर शाहरुख से 25 करोड़ की रिश्वत लेने का भी आरोप लगा था।
जबरन वसूली का था आरोप
2021 में, शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान कॉर्डेलिया ड्रग्स भंडाफोड़ मामले में कथित तौर पर ड्रग्स रखने, सेवन करने और खरीदने-बेचने के आरोप में बड़ी मुसीबत में फंस गए थे। लेकिन बाद में एनसीबी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने आर्यन को क्लीन चिट दे दी। एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े सहित अन्य लोगों पर बाद में भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और जबरन वसूली की धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
समीर वानखेड़े को दी गई क्लीन चिट
कार्डेलिया क्रूज ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जानबूझकर फंसाने और उनसे 25 करोड़ की रिश्वत की मांग करने को लेकर एनसीबी के पूर्व रीजनल डायरेक्टर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। उन पर कथित आपराधिक साजिश और जबरन वसूली की धमकी के अलावा रिश्वतखोरी के आरोप हैं। इसे लेकर चल रहे केस में समीर वानखेड़े को कोर्ट ने क्लिन चिट दे दी है।
कैट ने सुनाया अहम फैसला
इन मामलों में कैट ने अहम फैसला सुनाया है। वानखेड़े को आर्यन खान मामले में रिश्वत लेने के आरोप से बरी कर दिया गया है। कैट ने अपने आदेश में कहा है कि वह निर्दोष हैं। इस संबंध में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट ने अपने आदेश में कहा है कि एनसीबी निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह कुछ वानखेड़े मामलों के लिए नियुक्त जांच समिति का हिस्सा नहीं थे। क्योंकि यह नहीं कहा जा सकता कि सिंह को वानखेड़े द्वारा की गई कार्रवाई और उनके द्वारा की गई जांच की सारी जानकारी थी।