Video:प्रगनाननंदा और उनके परिवार से मिले खेल मंत्री अनुराग ठाकुर; हिमाचली टोपी और शॉल देकर किया सम्मान – Sports Minister Anurag Thakur Meets Chess Prodigy Praggnanandhaa And His Parents Watch Video
प्रगनाननंदा और अनुराग ठाकुर
– फोटो : सोशल मीडिया
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केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शतरंज खिलाड़ी प्रगनाननंदा और उनके माता-पिता के साथ दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने भारतीय ग्रांडमास्टर को हिमाचली टोपी पहनाई और शॉल के साथ सम्मान किया। इसके बाद उन्होंने प्रगनाननंदा को एक खास थाल भी दी, जिसमें मां दुर्गा की मूर्ति बनी हुई थी। शतरंज विश्व कप में प्रगनाननंदा के सबसे युवा उपविजेता बनने के बाद पूरे देश में उनका स्वागत हो रहा है। जब वह देश वापस लौटे थे तो चेन्नई एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में लोग बुके और शॉल लेकर उनसे मिलने पहुंचे थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे और उनके माता-पिता से मुलाकात की। वहीं, आनंद महिंद्रा ने उनके माता-पिता को इलेक्ट्रिक कार देने का फैसला किया है।
#WATCH | Indian Chess grandmaster and 2023 FIDE World Cup runner-up R Praggnanandhaa and his parents were felicitated by Union Sports Minister Anurag Thakur, in Delhi pic.twitter.com/bgnTgkXmKT
— ANI (@ANI) September 1, 2023
प्रगनाननंदा से मुलाकात के बाद अनुराग ठाकुर ने कहा “सबसे पहले मैं प्रगनाननंदा को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। भारत का नाम बहुत रोशन किया है और बहुत छोटी उम्र में ग्रांडमास्टर बने। मात्र 16 साल की उम्र में वो कर दिखाना, जो पहले कोई और नहीं कर पाया और अब 18 साल की उम्र में विश्व कप के फाइनल में पहुंचना। शानदार प्रदर्शन करना, इसके लिए मैं उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। इनको देखकर लाखों युवाओं को प्रेरणा मिलेगी कि वह चेस खेलें और अच्छा करें।”
अनुराग ठाकुर ने कहा “हालांकि, शतरंज की उत्पत्ति भारत में ही हुई थी, लेकिन कई वर्ष लग गए भारत में शतरंज ओलंपियाड कराने में। सफल चेस ओलंपियाड यहां पर हुआ था, लेकिन उससे बड़ी बात है कि हमारे कई खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। जिस तरह से प्रगनाननंदा का सफर रहा है, 10 साल से लेकर 18 साल की उम्र तक। एक नहीं अनेक उपलब्धियां हैं, इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई।”
#WATCH | Union Sports Minister Anurag Thakur says, “I congratulate him. He has made India proud. At the age of 16, he did what others could not. Many youngsters get inspiration from him to play Chess. Chess originated in India but it took hundreds of years to organise a Chess… pic.twitter.com/2DwmEeZWz1
— ANI (@ANI) September 1, 2023
प्रगनाननंदा की सफलता में उनके माता-पिता के योगदान पर बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “निश्चित रूप से मां-बाप का बहुत बड़ा योगदान गुरु के साथ-साथ होता होता है। सरकारें, फेडरेशन तो अपना रोल अदा करती हैं, लेकिन माता-पिता का रोल बहुत महत्वपूर्ण है। जैसा इन्होंने बताया कि बचपन में चाहे पेंटिंग के लिए व्यवस्था करनी हो या चेस बोर्ड लाना हो। हर मामले में उनके माता-पिता ने प्रेरणा दी और वहां से उन्हें एक पेशेवर खिलाड़ी बनाया। ये बहुत सारे खिलाड़ियों को सीखने की जरूरत है कि जब भी आप कुछ करें, दिल से करें, मेहनत करें और लगातार प्रयास करें कि अच्छा करें। मुझे बहुत खुशी है कि पिछले कुछ महीनों में भारतीय खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
वहीं प्रगनाननंदा ने अनुराग ठाकुर के साथ मुलाकात करने के बाद कहा कि उन्हें जो समर्थन मिल रहा है, उससे काफी अच्छा लग रहा है। आमतौर पर खिलाड़ियों को इतना समर्थन नहीं मिलता, लेकिन अब ऐसा होना अच्छा है। खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर हमेशा बात होती है, लेकिन उनके प्रयास को सामने लाना और सराहना करना अच्छा है। इससे और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है और देश का नाम रोशन करने का जज्बा बढ़ता है।