अगले साल होने वाले 96वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भारत की तरफ से भेजी जाने वाली आधिकारिक प्रविष्टि की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। समारोह के लिए देश की तरफ से एक फिल्म भेजने का काम फिल्म निर्माण से संबंधित की देश में सक्रिय सारी संस्थाओं की फेडरेशन यानी फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया करती है। इस बार के लिए चुनी जाने वाली फिल्मों के लिए वे सारी फिल्में योग्य होंगी जिनका प्रदर्शन 1 दिसंबर 2022 से लेकर 31 अक्तूबर 2023 सिनेमाघरों में हो चुका है या होना है।
96वें अकादमी पुरस्कार समारोह जिन्हें ऑस्कर पुरस्कार समारोह के नाम से भी जाना जाता है. का आयोजन अगले साल 10 मार्च को होना है। इन पुरस्कार समारोहों में अधिकतर पुरस्कार अमेरिका में रिलीज होने वाली फिल्मों को ही दिए जाते हैं। लेकिन, दूसरे देशों में रिलीज होने वाली फिल्मों के लिए भी इन पुरस्कार समारोह में एक खास कैटेगरी होती है, सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म, जिसका नाम अब बदलकर सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म कर दिया गया है। भारत से इस कैटेगरी में जो आधिकारिक प्रविष्टि भेजी जाती है, उसका चयन फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) करती है।
ऑस्कर में इस कैटेगरी के तहत फिल्में भेजने के इच्छुक निर्माताओं से उनकी प्रविष्टियां मंगाने का काम शुरू हो चुका है। 15 अगस्त से शुरू हुई यह प्रक्रिया 25 सितंबर तक चलेगी। इसके बा 15 सितंबर से लेकर 25 सितंबर तक फेडरेशन की तरफ से बनी जूरी इन फिल्मों को चेन्नई में देखेगी। भारत की तरफ से कौन सी फिल्म अगले साल के ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भेजी जाएगी, इसका एलान 26 सितंबर को होगा।
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रवि कोट्टाराकारा के मुताबिक ऑस्कर के लिए भेजी जाने वाली फिल्म चुनने के लिए प्रस्तावित जूरी और इसके अध्यक्ष का नाम जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा। वह कहते हैं, ‘हमें इस बात का गर्व है कि भारतीय फिल्में विश्व के तमाम मंचों पर अपनी छाप छोड़ती रही हैं। पिछले साल की फिल्मों में ‘आरआरआर’ और ‘द एलिफेंट व्हिसपरर्स’ ने ऑस्कर पुरस्कार भी जीते। इस साल जो भी फिल्म भेजी जाएगी, उसके लिए जूरी में ऐसे लोग शामिल किए जाएंगे जो एक बेहतरीन फिल्म का चुनाव करने के लिए समुचित जानकारी और ज्ञान रखते हों।’
ऑस्कर में भारत की तरफ से भेजी जाने वाली किसी भी फिल्म के लिए ये आवश्यक है कि इसका प्रदर्शन 1 दिसंबर 2022 से लेकर 31 अक्तूबर 2023 तक अवश्य हो गया हो। फिल्म का सार्वजनिक प्रदर्शन कम से कम एक सात दिन तक लगातार किसी न किसी व्यावसायिक सिनेमाघर में अवश्य हुआ हो। आवेदन करने वाले फिल्मकार मूल रूप से ऐसे भारतीय ही हो सकते हैं जिनके पास भारतीय पासपोर्ट हो। इन फिल्मों के लिए शर्त ये भी है कि इनकी न्यूनतम 60 प्रतिशत संवाद स्थानीय भाषा में होने चाहिए।