Silsila:सिनेमा की सबसे बड़ी दुश्मनी का ‘सिलसिला’, यश चोपड़ा ने नहीं मिलने दिया बिग बी को बेस्ट एक्टर अवॉर्ड – Bioscope With Pankaj Shukla Silsila 14 August 1981 Amitabh Bachchan Rekha Jaya Yash Chopra Shashi Kapoor
‘सिलसिला’ से शुरू हुई सबसे बड़ी फिल्मी अदावत
हिंदी सिनेमा के शौकीन ये तो जानते ही हैं कि यश चोपड़ा और अमिताभ बच्चन का बहुत गहरा दोस्ताना फिल्मों में रहा है। राजेश खन्ना के साथ ‘इत्तेफाक’ और ‘दाग’ बनाने के बाद यश चोपड़ा ने देव आनंद के साथ ‘जोशीला’ बनाई थी। और, उसके बाद उन्होंने जो फिल्म ‘दीवार’ बनाई, उसने अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘जंजीर’ में मिले एंग्री यंग मैन के तमगे पर सुनहरा वर्क चढ़ा दिया। सन 75 से शुरू हुआ ये सिलसिला फिल्म ‘कभी कभी’, ‘त्रिशूल’, ‘काला पत्थर’ से होता हुआ ‘सिलसिला’ पर आकर ही टूटा। यश चोपड़ा और अमिताभ बच्चन का नाम इसके बाद एक साथ फिल्म ‘मोहब्बतें’ में परदे पर दिखा। अमिताभ और यश चोपड़ा की मोहब्बत के किस्से बहुत हैं, लेकिन दोनों की अदावत का पहला किस्सा फिल्म ‘सिलसिला’ से ही शुरू होता है।
ऐन मौके पर बदल दी गईं हीरोइनें
हुया यूं कि यश चोपड़ा को फिल्म ‘सिलसिला’ के लिए साइन हुईं दोनों हीरोइनों स्मिता पाटिल और परवीन बाबी को श्रीनगर से फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाने के बाद वापस भेजना पड़ा था। अपने आखिरी जन्मदिन पर मुंबई में तमाम लोगों के सामने यश चोपड़ा ने ये किस्सा सुनाया था कि कैसे इस फिल्म में स्मिता की जगह जया बच्चन ने और परवीन बाबी की जगह रेखा ने ले ली थी। परवीन बाबी ने तो खैर इस बात के लिए उफ भी नहीं की क्योंकि दिल टूटने की उनको आदत हो चुकी थी। स्मिता पाटिल इस बात को लेकर अरसे तक अमिताभ बच्चन और यश चोपड़ा दोनों से नाराज रहीं कि दोनों ने ये बात उनके खुद क्यों नहीं की। बताते हैं कि ये फैसला स्मिता पाटिल तक पहुंचाने के लिए यश चोपड़ा ने शशि कपूर की मदद ली थी। कास्टिंग में इस फेरबदल का ठीकरा बाद में यश चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन के सिर फोड़ा था।
सागर सरहदी की शानदार कहानी
फिल्म ‘सिलसिला’ की कहानी तो आपको याद ही होगी। ये इकलौती फिल्म है जिसमें शशि कपूर ने अमिताभ बच्चन के बड़े भाई का रोल किया है, नहीं तो उम्र में बड़े होने के बावजूद शशि कपूर फिल्मों में उनके छोटे भाई ही बनते रहे। फिल्म में दो भाई हैं, दोनों अपने अपने क्षेत्र में दिग्गज बन चुके हैं। दोनों की शादियां नजदीक हैं और फिर हो जाता है एक हादसा…! छोटा भाई अपनी प्रेमिका को भूल बड़े भाई की पसंद से शादी कर लेता है। दोनों का परिवार चल निकलता है और फिर एक दिन छोटे के जीवन में लौट आती है उसकी प्रेमिका। दोनों फिर मिलते हैं। फिर दिल खिलते हैं। रातें गुलजार होती हैं। सबेरे शानदार होते हैं। लेकिन, कब तक? प्यार पूरा ही हो जाए तो फिर प्यार कैसा? तमाम अंधेरी संकरी सुरंगों से गुजरती हुई ये प्रेम कहानी जिस सामाजिक मुहाने पर आकर निकलती है, उसमें इसके लेखक सागर सरहदी भी कुछ अलग करते तो सन 1981 में भला क्या करते?
शूटिंग के बाद भी टेंशन का ‘सिलसिला’
‘सिलसिला’ की मेकिंग के दौरान यश चोपड़ा जिस तनाव से गुजरे वह इसकी रिलीज के दिन और इसके बाद तक जारी रहा। ऐन मौके पर बदली गई कास्टिंग के बाद फिल्म जैसे तैसे शूट तो हो गई पर इसकी डबिंग में भी बड़े पंगे हुए। बताते हैं कि अमिताभ बच्चन अक्सर इस फिल्म की डबिंग से गायब रहने लगे तो यश चोपड़ा ने उन दिनों अपने जासूस उनके पीछे छोड़ दिए। पता चला कि अमिताभ बच्चन किसी तरह अपनी एक और फिल्म ‘याराना’ जल्दी से जल्दी पूरी करना चाहते थे। उसका पैचअप शूट 30 दिन का निकल आया था। और, इसके बाद वह ‘याराना’ की डबिंग पर ही ध्यान देने लगे। यश चोपड़ा इससे काफी आहत हुए। पंगे रेखा के किरदार की डबिंग के दौरान भी खूब हुए। बताते हैं कि जब भी वह डबिंग करने पहुंचती तो पहले जया बच्चन के सीन दिखाने की जिद करतीं।