Entertainment

Janata Raja In Lucknow:अवध की धरती पर गूंजेगी शिवाजी राजे की महागाथा, छह दिन तक होगा ‘जाणता राजा’ का मंचन – Mahagatha Of Shivaji Raje Aka Janata Raja Drama Resonate In Lucknow For Six Days All You Need To Know In Hindi


दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र और अनोखा नाटक ‘जाणता राजा’ दशहरा के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंच रहा है। करीब 300 कलाकारों और 100 तकनीशियनों की मदद से होने वाला ये नाटक दुनिया के किसी भी ब्रॉडवे शो पर भारी है। नाटक के अब देश दुनिया में सैकड़ों शो हो चुके हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म से लेकर सिंहासन पर बैठने तक की कहानी कहती ये प्रस्तुति अपने आप में निराली है। लखनऊ में होने जा रहे इस आयोजन की जिम्मेदारी हरिद्वार के दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संचालक डॉ. आशीष गौतम उर्फ आशीष भैया निभाने जा रहे हैं। वह बताते हैं, ‘ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि इस नाटक को एक साथ कम से कम 20 हजार लोग देख सकें।’



जाणता राजा यानी बुद्धिमान राजा

बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे लिखित नाटक ‘जाणता राजा’ का मंचन इतना अद्भुत है कि इसे एक बार देखने वाले इसे बरसों बरस भूल नहीं पाते हैं। ‘जाणता राजा’ इसका मराठी नाम है जिसका मतलब होता है बुद्धिमान राजा यानी जो सब जानता हो और सबको जानता हो यानी जाणता राजा। नाटक का मंचन करने के हफ्तों पहले इसकी तैयारी शुरू हो जाती है क्योंकि नाटक में स्थानीय कलाकारों से लेकर इस नाटक के मुख्य पात्र निभाने वाले कलाकारों के बीच एक अद्भुत संयोजन की आवश्यकता होती है। हाथी, घोड़े, ऊंट, बैलगाड़ियां सब जुटाए जाते हैं और इस रंगमंचीय प्रस्तुति के लिए भारी भरकम धनराशि की भी आवश्यकता होती है।


शिवाजी की महागाथा का प्रचार प्रसार

हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संचालक डॉ. आशीष गौतम उर्फ आशीष भैया बताते हैं, ‘देश की महान विभूतियों के बारे में नई पीढ़ी को बताने के लिए नाटक ही सबसे उचित माध्यम जान पड़ता है। जो बात किताबों के जरिये नहीं समझाई जा सकती, वह एक नाटक कुछ ही घंटों में पूरा कर देता है। दृश्य श्रव्य माध्यम का ये चमत्कार तो है ही लेकिन यही बात जब मंचन के जरिये सजीव प्रस्तुत की जाती है तो उसका असर दर्शक के मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ जाता है। नाटक ‘जाणता राजा’ का मंचन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कराने का भी यही उद्देश्य है।’


बाबा पुरंदरे को मिल चुका पद्म विभूषण

नाटक ‘जाणता राजा’ के लेखक बलवंत मोरेश्वर पुरंदरे को महाराष्ट्र के लोग बाबा पुरंदरे कहकर पुकारते हैं। उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से भी भारत सरकार सम्मानित कर चुकी है। लंबे अरसे तक वह स्वयं ही इस नाटक की सारी व्यवस्था भी देखते रहे। शिवाजी महाराज की कहानी को घर घर तक पहुंचाने के उनके इस अद्भुत प्रयोग की लोकप्रियता ऐसी रही है कि इसका मंचन अमेरिका और ब्रिटेन तक में हो चुका है। इसके कलाकारों की टोली देश में भी तमाम शोज कर चुकी है। आशीष भैया बताते हैं, ‘लखनऊ में इस नाटक का मंचन 26 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक जनेश्वर मिश्र पार्क में किया जाएगा।’ इस आयोजन के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए वह इन दिनों देश भ्रमण पर हैं।


हर दिन एक शो, एक शो में 20 हजार दर्शक

मुंबई पहुंचे डॉ. आशीष गौतम बताते हैं, ‘छत्रपति शिवाजी ने सनातनी संस्कृति को मुगलों के आक्रमण से बचाए रखने के लिए जिस साहस, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया, वह बेजोड़ है। लेकिन, उनकी कहानी पाठ्य पुस्तकों में बस कुछ पन्नों मे ही समेट कर रख दी गई। नाटक ‘जाणता राजा’ इस महान राजा के पूरे जीवन पर एक विहंगम दृष्टि डालता है।’ बाबा पुरंदरे लिखित ‘जाणता राजा’ का लखनऊ में छह दिन तक हर रोज एक शो होगा और प्रतिदिन इसमें करीब 20 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद के हिसाब से ही पूरी व्यवस्था की जा रही है।


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button