G20:19 देशों के प्रमुखों की होगी अचूक सुरक्षा, Crpf के 50 ट्रेनर तैयार कर रहे 1000 ‘रक्षकों’ का दस्ता – Tight Security Arrangements Are Being Made For The 18th G20 Summit To Be Held In Delhi
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– फोटो : g20.org
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18 वां ‘G20’ सम्मेलन, नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को आयोजित होगा। इसमें 19 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ भी इस सम्मेलन में शिरकत करेगा। साथ ही नौ देशों के प्रमुख, बतौर अतिथि देश, जी20 की बैठक में हिस्सा लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय में इस सम्मेलन को लेकर तैयारी जोरों पर हैं। विदेशी मेहमानों की अचूक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ द्वारा ग्रेटर नोएडा स्थित, वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर में 1000 ‘रक्षकों’ का विशेष दस्ता तैयार किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से सीआरपीएफ के 50 ट्रेनर, रक्षकों को तैयार करने में जुटे हैं। इन रक्षकों की लगभग 50 टीमें बनाई जाएंगी। इसके अलावा करीब तीस सौ बुलेटप्रूफ वाहन तैयार कराए जा रहे हैं।
एसपीजी व एनएसजी में रहे हैं ये जवान
सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ के वीआईपी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में जिन एक हजार जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे सामान्य कर्मी नहीं हैं। इनमें वे सभी जवान शामिल हैं, जो पूर्व में वीआईपी सुरक्षा का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने एसपीजी और एनएसजी जैसी सुरक्षा यूनिटों के साथ काम किया है। ये सभी जवान, विदेशी राष्ट्रध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के ‘कारकेड’ में चलेंगे। दूसरे स्थलों पर इन्हें सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन्हीं में से कुछ ड्राइवरों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। कई देशों में लेफ्टहैंड ड्राइविंग वाले वाहनों का चलन है, संभवत: दूसरे मुल्कों से ऐसी गाड़ियों को दिल्ली लाया जाएगा। यह जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय को सौंपी गई है। सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर पर दिल्ली पुलिस को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
‘कारकेड’ से लेकर होटल तक की सुरक्षा
ट्रेनिंग सेंटर पर जवानों को ‘कारकेड’ से लेकर ‘होटल’ तक विदेशी मेहमानों की सुरक्षा का दायित्व सौंपा जाएगा। इन्हें उसी तरीके प्रशिक्षित किया जा रहा है। होटल या बैठक स्थल से निकलने के बाद वीआईपी को गाड़ी तक कैसे पहुंचाना है। उस वक्त सुरक्षा को लेकर जितने भी प्रोटोकॉल होते हैं, उनके बारे में बताया जा रहा है। गाड़ी में कैसे बैठना है, कोई घटना होती है तो उस वक्त सुरक्षा का कौन सा फार्मूला इस्तेमाल करना है, खतरे का आभास हो तो विदेशी मेहमान की सुरक्षा कैसे करनी है, आदि बातें सिखाई जा रही हैं। बीच रास्ते अगर गाड़ी में कोई तकनीकी खराबी आ जाए तो उस दौरान पहले, दूसरे व तीसरे नंबर वाले स्पेयर वाहन की स्थिति क्या रहेगी। कौन सी गाड़ी में विदेशी मेहमान को शिफ्ट किया जाएगा। मतलब, वीआईपी को किस तरह से 360 डिग्री डिफेंस प्रदान करनी है, ये सब ट्रेनिंग का हिस्सा है। यह ट्रेनिंग छह सितंबर तक चलती रहेगी। इसके बाद रिहर्सल होगी। विदेशी मेहमान जिस होटल में ठहरेंगे, वहां पर नाइट सिक्योरिटी के लिए अलग अलग सुरक्षा बलों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। किसी भी जगह की जिम्मेदारी, एक सुरक्षा बल के पास नहीं रहेगी। जैसे नाइट हॉल्ट के दौरान बॉर्डर गॉर्डिंग फोर्स के साथ दिल्ली पुलिस का दस्ता रहेगा।