जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक बड़े आतंकी हमले में शहीद हुए देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ के 40 जवानों के आश्रितों का क्या हाल है। उन्हें कितना मुआवजा मिला है, निकट संबंधी को कौन सी जॉब प्रदान की गई है, जिन्हें नौकरी मिली है, उनमें ‘चपरासी’ के पद से लेकर सरकारी महकमों में ‘बाबू’ की जॉब भी शामिल है। किसी शहीद की पत्नी ने सीआरपीएफ की जगह राज्य सरकार में अनुकंपा आधार पर नियुक्ति की इच्छा जताई है। कई आश्रित परिवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने कहा है कि उनके बच्चे जब 18 वर्ष के हो जाएंगे, तो वे अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगे। खास बात है कि शहीद परिवारों ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में नौकरी लेने से परहेज किया है।
शहीद जवान राठौर नितिन शिवाजी (3 बटालियन) की पत्नी वंदना राठौर की तरफ से कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार में सरकारी नौकरी करने की इच्छा नहीं थी। उन्होंने अपने बेटे पीयूष नितिन को महाराष्ट्र सरकार में सरकारी नौकरी देने का अनुरोध किया है, जब भी वह पात्र होगा। सिपाही प्रदीप कुमार (21 बटालियन) की पत्नी शर्मिष्ठा देवी ने सीआरपीएफ की जगह यूपी सरकार में अनुकंपा आधार पर नियुक्ति की इच्छा जताई है। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया, सिपाही बबलू संतरा (35 बटालियन)
की पत्नी संतरा ने पश्चिम बंगाल सरकार के तहत सांस्कृतिक अनुसंधान संस्थान विभाग में अस्थायी अवर श्रेणी लिपिक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। सिपाही अश्वनी कुमार कौची (35 बटालियन) के पिता सुकरू प्रसाद कौची के साथ हुए संवाद में मृतक के परिजन ने अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया था। हालांकि शहीद के पिता ने अपने बेटे अवद्येश (शहीद जवान के भाई) की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया है। वे इस नियुक्ति के पात्र नहीं हैं। वजह, शहीद जवान विवाहित था। सिपाही भागीरथ सिंह (45 बटालियन) की पत्नी रंजना देवी के मुताबिक, वे अपने बेटे विनय की आयु 18 वर्ष होने पर अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगी।
बच्चे 18 वर्ष के होने पर नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगे
सिपाही रतन ठाकुर (45 बटालियन) की पत्नी राजनंदनी को एसडीओ कार्यालय भागलपुर, बिहार में अवर श्रेणी लिपिक के पद पर नियुक्ति मिली है। सिपाही वीरेंद्र सिंह (45 बटालियन) की पत्नी रेणु को परगना कथिमा (उत्तराखंड सरकार) के कार्यालय में अनुसेविका के रूप में नियुक्ति मिली है। सिपाही पंकज कुमार (53 बटालियन) की पत्नी, विकास विभाग, यूपी में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त हुई हैं। हवलदार हेमराज मीणा (61 बटालियन) की पत्नी मधुबाला ने कहा है कि वे अपने बच्चों की आयु 18 वर्ष होने पर अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगी। हवलदार पीके साहू (61 बटालियन) की पत्नी की ओर से कहा गया है कि वे अपने बच्चों के 18 साल का होने के बाद नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगी। सिपाही रमेश यादव (61 बटालियन) की पत्नी रेणु यादव को कलेक्टर कार्यालय, वाराणसी, यूपी में अवर श्रेणी लिपिक के रूप में नियुक्ति मिली है। सिपाही महेंद्र सिंह (75 बटालियन) के आश्रित उनके पिता सतपाल अत्री हैं। परिवार के सदस्य को पंजाब पुलिस में सिपाही जीडी के रूप में नौकरी दी गई है। सिपाही रोहितास लांबा (76 बटालियन) की पत्नी ने कहा है कि वे अपने बच्चों की आयु 18 साल होने पर नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगी। सिपाही तिलक राज (76 बटालियन) की पत्नी को डीसी दफ्तर, कांगड़ा ‘एचपी’ में नौकरी की पेशकश की गई है। हवलदार नाशीर अहमद (76 बटालियन) की पत्नी शाजिया कौसर ने भी अपने बच्चों की शिक्षा पूरी होने के बाद नियुक्ति के लिए आवेदन करने की बात कही है।
तो अब वे सीआरपीएफ में आवेदन देंगी…
सिपाही सुखजिंदर सिंह की पत्नी सर्वजीत कौर को पंजाब शिक्षा विभाग में चपरासी की नौकरी प्रदान की गई है। हवलदार जयमाल (76 बटालियन) की पत्नी ने कहा है कि वे अपने बेटे की आयु 18 वर्ष पूरी होने के बाद नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगी। सिपाही सुब्रमणयम (82 बटालियन) की पत्नी को तमिलनाडु सरकार के राजस्व विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में नियुक्ति मिली है। सिपाही मनोज कुमार (82 बटालियन) की पत्नी ने बताया कि उनकी बेटी चार साल की है। उसकी आयु 18 वर्ष पूरी होने के बाद वे नियुक्ति के लिए आवेदन करेंगी। हवलदार विजय सोरेंग (82 बटालियन) की पत्नी ने राज्य सरकार में नौकरी मांगी थी, लेकिन नहीं मिली। अब वे सीआरपीएफ में आवेदन देंगी। सिपाही गुरु एच के परिवार में उनकी पत्नी कलावती की ओर से नौकरी का आवेदन नहीं मिला है। हालांकि वे हवलदार ‘मिनिस्ट्रियल’ के पद की इच्छुक हैं। उन्हें 82 बटालियन में मामला भेजने की सलाह दी गई है। वहां पर इस नियुक्ति के लिए रिक्त स्थान नहीं है। सिपाही कुलविंद्र सिंह (92 बटालियन) जब शहीद हुए तो वे अविवाहित थे। उन पर केवल माता पिता ही आश्रित थे, इसलिए कोई भी आश्रित अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है। सिपाही जीतराम (92 बटालियन) की निकट संबंधी नौकरी के इच्छुक नहीं है, क्योंकि शिक्षा दसवीं से कम है। शहीद का भाई पात्र नहीं है। वजह, शहीद विवाहित था। सिपाही विजय कुमार (92 बटालियन) की पत्नी को यूपी के देवरिया में अवर श्रेणी लिपिक के पद पर नियुक्ति मिली है।
बेटा बीएससी थर्ड ईयर में है, एक वर्ष का समय मांगा
सिपाही अमित कुमार (92 बटालियन) की माता को यूपी के शामली में कलेक्टर कार्यालय में लिपिक की नियुक्ति मिली है। सिपाही शिवचंद्रन.सी (92 बटालियन) को तमिलनाडु में ग्राम प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नियुक्ति मिली है। हवलदार जीडी मनेश्वर (98 बटालियन) की पत्नी को असम सरकार में सहायक पर्यटन सूचना अधिकारी की नौकरी मिली है। सिपाही सुदीप विश्वास (98 बटालियन) अविवाहित थे। एएसआई मोहन लाल (110 बटालियन) की पत्नी को डीएम कार्यालय, उत्तरकाशी में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति मिली है। सिपाही श्याम बाबू (115 बटालियन) की पत्नी रूबी देवी, सीआरपीएफ में अनुकंपा आधार पर नियुक्ति के लिए इच्छुक नहीं हैं। सिपाही प्रदीप सिंह (115 बटालियन) की पत्नी को यूपी सरकार में लिपिक की नौकरी मिली है। सिपाही अजित कुमार (115 बटालियन) की पत्नी को भी यूपी सरकार में कनिष्ठ सहायक के रूप में नियुक्ति प्रदान की गई है। सिपाही महेश कुमार (118 बटालियन) की पत्नी को यूपी में लिपिक की नौकरी मिली है। सिपाही वसंता कुमार वीवी (82 बटालियन) की पत्नी को केरल में लिपिक की नौकरी मिली है।
कनिष्ठ सहायक की नौकरी मिली है
हवलदार संजय कुमार (176 बटालियन) की पत्नी को बिहार सरकार में अवर श्रेणी लिपिक की नौकरी मिली है। हवलदार जीडी राम वकील (176 बटालियन) की पत्नी को यूपी में लिपिक की नौकरी दी गई है। हवलदार संजय राजपूत (115 बटालियन) की पत्नी ने कहा, उसके बेटे की आयु 18 वर्ष पूरी होने पर अनुकंपा आधारित नौकरी के लिए आवेदन करेंगी। सिपाही कौशल कुमार (115 बटालियन) की पत्नी ने कहा, उनका बेटा बीएससी थर्ड ईयर में है। उसे अनुकंपा आधार पर नौकरी के आवेदन के लिए एक वर्ष दिया जाए। हवलदार सीआरवाई नारायण लाल गुर्जर (4 सिग्नल) की पत्नी ने कहा, अभी उसका बेटा नाबालिग है। इस बाबत बाद में विचार किया जाएगा। हवलदार अवद्येश कुमार यादव (5 सिग्नल) की पत्नी को यूपी के चंदौली में कनिष्ठ सहायक की नौकरी मिली है।